कारोबारी निरंतरता पर रहेगा ध्यान : नंदा | अजय मोदी / नई दिल्ली August 28, 2018 | | | | |
एस्कॉट्र्स के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक निखिल नंदा ने कहा है, अक्सर कहा जाता है कि अच्छे समय में आप सबसे बड़ी गलतियां करते हैं। हाल तक प्रबंध निदेशक रहे नंदा ने इस महीने अपने पिता राजन नंदा की मौत के बाद चेयरमैन का पद भी संभाल लिया। नंदा ने कहा, मैं कारोबार में कोई बड़ा बदलाव नहीं करने जा रहा और इसे लाभदायक तरीके से आगे ले जाने पर काम करूंगा। नंदा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, काफी लोग उम्मीद करते हैं कि नए सीएमडी आएंगे और समूह में बदलाव आएगा। आज के संदर्भ में बदलाव की इच्छा से ज्यादा महत्वपूर्ण निरंतरता, ध्यान और दृढ़ता है। निरंतरता हमारा मंत्र बना रहेगा और कोई नाटकीय बदलाव नहीं होने जा रहा है।
राजन नंदा के नेतृत्व में एस्कॉट्र्स के प्रबंधन ने एक दशक पहले कायापलट की पहल की थी और वित्त वर्ष 2018 उन कवायदों का चरमोत्कर्ष है जिसने लागत कटौती, कर्ज में कमी और कर्मचारियों की कम संख्या पर ध्यान केंद्रित किया था। पिछले साल कंपनी ने रिकॉर्ड 50 अरब रुपये का राजस्व अर्जित किया और अब तक का सबसे ज्यादा लाभ 3.44 अरब रुपये दर्ज किया। अभी इसके पास 7 अरब की नकदी का भंडार है और वित्त वर्ष 2019 में भी कंनपी रिकॉर्ड मुनाफे की उम्मीद कर रही है। इसका एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 2018 में 11.1 फीसदी रहा, जो वित्त वर्ष 2017 में 7.8 फीसदी रहा था। कंपनी ने मौजूदा वित्त वर्ष में एबिटा मार्जिन में 100 आधार अंक की बढ़ोतरी का अनुमान जताया है।
नंदा ने कहा, मैंने एस्कॉट्र्स को सबसे खराब हालत में तब देखा था जब इसके ऊपर बड़ा कर्ज था और मार्जिन नकारात्मक था। ऐसे में हमें कोई नया निवेश सही तरीके से करना चाहिए। कारोबार के किसी भी हिस्से में रकम झोंकने से पहले हम कड़े सवाल पूछते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि नकदी नहीं रहने पर कैसा लगता है। पिछले एक साल में एस्कॉट्र्स का शेयर 50 फीसदी चढ़कर 895 रुपये पर पहुंच गया है और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 110 अरब रुपये हो गया है। कंपनी ने अपनी क्रेडिट रेटिंग में काफी सुधार देखा है।
सामान्य मॉनसून की पृष्ठभूमि में लगातार तीन साल तक ट्रैक्टर की मजबूत मांग ने कंपनी को अपने राजस्व का करीब 80 फीसदी ट्रैक्टर से हासिल करने में मदद की है। बाकी निर्माण उपकरण कारोबार व रेलवे के ऑर्डर से मिलता है। लेकिन एस्कॉट्र्स आज देसी ट्रैक्टर बाजार में एमऐंडएम, टैफे और सोनालिका के बाद चौथी सबसे बड़ी कंपनी है और इसकी बाजार हिस्सेदारी करीब 11 फीसदी है। सोनालिका की हिस्सेदारी 11.9 फीसदी है और एस्कॉट्र्स को बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी का भरोसा है। नंदा ने कहा, पिछली कुछ तिमाही में हमने बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी देखी है। हमारा नजरिया तेजी का है। बैलेंस शीट साफ सुथरा है और हम आज कर्जमुक्त कंपनी हैं। साल 2022 तक हम 15 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। लागत में कटौती की गुंजाइश हमेशा होती है। हम लाभ में बढ़ोतरी के लिए निवेश करेंगे और उन बाजारों पर ध्यान देंगे, जिस पर हमने ध्यान नहीं दिया है।
मंगलवार को कंपनी ने जापान की टडानो ग्रुप के साथ संयुक्त उद्यम की घोषणा की, जो उच्च क्षमता वाले क्रेन के विनिर्माण के लिए है। वित्त वर्ष 2018 और वित्त वर्ष 2019 के बीच कंपनी ट्रैक्ट्रर उत्पादन क्षमता 50 फीसदी बढ़ाकर 1.50 लाख वाहन करने के लिए करीब 3.5 अरब रुपये का निवेश कर रही है। विस्तारित क्षमता साल 2020 में सामने आएगी। अभी इसकी क्षमता का 90 फीसदी इस्तेमाल हो रहा है।
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