फ्यूचर ग्रुप में निवेश करेगी एमेजॉन! | |
अलनूर पीरमोहम्मद और करण चौधरी / बेंगलूरु/नई दिल्ली 08 26, 2018 | | | | |
अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन की भारतीय इकाई ने किशोर बियाणी के फ्यूचर ग्रुप में 12 से 15 फीसदी हिस्सेदारी 60 से 70 करोड़ डॉलर में खरीदने के लिए औपचारिक बातचीत शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक दोनों कंपनियों ने बातचीत आगे बढ़ाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, यह समझौता बाध्यकारी नहीं है लेकिन इसका मतलब है कि दोनों कंपनियों ने सौदे के लिए आधिकारिक रूप से बातचीत शुरू कर दी है। अगर यह सौदा अंजाम तक पहुंचता है तो यह नकदी और शेयरों में हो सकता है।
एमेजॉन के लिए यह सौदा इसलिए अहम है क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर में खरीदने के लिए सौदा किया है। वॉलमार्ट और एमेजॉन के बीच अमेरिका में कड़ी प्रतिस्पद्र्घा है और अब वे भारत में इसे आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। फ्यूचर ग्रुप के साथ प्रस्तावित उपक्रम से जेफ बेजोस की अगुआई वाली एमेजॉन को रिटेल स्टोर के क्षेत्र में बढ़त मिल सकती है।
फ्यूचर ग्रुप के एक करीबी सूत्र ने कहा कि दोनों कंपनियों ने बातचीत आगे बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए हैं। अभी 10 से 15 फीसदी अल्पांश हिस्सेदारी खरीदने पर बात चल रही है लेकिन यह आंकड़ा बढ़ सकता है। दोनों कंपनियों ने बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फ्यूचर ग्रुप ने किसी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है। एमेजॉन इंडिया ने भी इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार किया।
सूत्रों के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच जनवरी में बातचीत शुरू हुई थी। संयोग से उसी दौरान वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने की योजना के बारे में भी अटकलों का बाजार गर्म था। सूत्रों का कहना है कि एमेजॉन और फ्यूचर के बीच बातचीत ने अप्रैल-मई में जोर पकड़ा था। सौदे की शर्तों को लेकर पिछले चार महीनों में एमेजॉन और फ्यूचर के बीच कई स्तर पर बैठकें हुई हैं। फ्यूचर समूह की मुख्य कंपनी फ्यूचर रिटेल सूचीबद्घ कंपनी है और उसका बाजार पूंजीकरण 260 अरब रुपये से अधिक है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान किशोर बियाणी अपनी कंपनी में हिस्सेदारी बेचने के सिलसिले में कई बार अमेरिका में वॉलमार्ट और एमेजॉन के मुख्यालय जा चुके हैं। कंपनी ने प्रौद्योगिकी और कारोबार विस्तार के लिए कई घोषणाएं की हैं। जानकारों का कहना है कि कंपनी ने प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री की संभावनाओं के लिए ये कदम उठाए हैं।
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