आईसीआईसीआई एमएफ ने बेचे सिक्योरिटीज के शेयर | जश कृपलानी / मुंबई August 26, 2018 | | | | |
बाजार नियामक सेबी के जांच के घेरे में आई आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड ने पांच योजनाओं को रकम वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आईपीओ के आखिरी दिन 2.4 अरब रुपये का निवेश किया था। रविवार को आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू फंड सीरीज 19 के निवेशकों को भेजे संदेश में कहा गया है, सेबी की सलाह के बाद योजनाओं की तरफ से किए गए निवेश उन योजनाओं को वापस कर दिए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप 21 अगस्त 2018 को योजनाओं का एनएवी 0.09 रुपये प्रति यूनिट बढ़ गया और 21 अगस्त 2018 को इसका एनएवी 9.88 रुपये प्रति यूनिट रहा। आईसीआईसीआई प्रू एमएफ के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा, हमने सेबी के निर्देश का पालन किया और उस हिसाब से मामले का निपटान कर दिया। हम एक बार फिर कहना चाहते हैं कि हमारे सभी निवेश स्थापित प्रक्रियाओं के हिसाब से हुए थे। हम सभी नियमों का अनुपालन करते रहे हैं और इसके अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एमएफ के अधिकारी के मुताबिक, फंड हाउस ने 2.4 अरब रुपये के शेयर बाजार में बेच दिए। इश्यू प्राइस के मुकाबले शेयर कीमतों आए अंतर के समायोजन के बाद रकम उन योजनाओं में वापस जमा कर दी गई है। इन शेयरों के खरीदारों की पुष्टि नहींं हो सकी, लेकिन 16 अगस्त को आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के करीब 60 करोड़ रुपये की ट्रेडिंग हुई थी, जो पिछले महीने के औसत कारोबार का 2.5 गुना था। नियामक ने फंड हाउस को उन निवेशकों को मुआवजा देने को कहा है जिन्होंने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आईपीओ के आवंटन की तारीख के बाद अपने यूनिट भुनाए थे। फंड हाउस को योजनाओं को सूचीबद्धता के बाद शेयर कीमतों में गिरावट के चलते हुए नुकसान का आकलन करने को कहा गया। 15 फीसदी ब्याज के साथ यह रकम निवेशकों के खाते में जमा करा दी गई। रकम वापस करने के लिए संपत्ति प्रबंधन कंपनी अपने खाते का इस्तेमाल कर रही है। मार्च में पेश आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आईपीओ में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ की बोली के पैटर्न को देखते हुए सेबी ने मामले की जांच शुरू की थी। फंड हाउस ने समूह की कंपनी आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आईपीओ में 6.4 अरब रुपये की बोली लगाई थी, जिसमें आईसीआईसीआई बैंक 24 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहा था।
चूंकि आईपीओ को न्यूनतम आवेदन से कम आवेदन मिले थे, लिहाजा शायद आखिरी समय में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ ने 2.4 अरब रुपये की बोली लगाई थी। बिजनेस स्टैंडर्ड ने पहले खबर दी थी कि इस आईपीओ में सेबी अग्रणी अधिकारियों, फंड मैनेजरों और मूल कंपनी आईसीआईसीआई बैंक की भूमिका की जांच कर रहा है। सेबी की आचार संहिता में कहा गया है कि ट्रस्टी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संपत्ति प्रबंधन कंपनी अपनी सहायक को कोई अनुचित लाभ न पहुंचा पाए या फिर यूनिटधारकों के लिए जरूरी हितों की खातिर एएमसी की सहायक के साथ किसी तरह का सौदा न करे।
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