मकानों को तैयार करने में काफी कम संख्या में लगाए गए हैं मजदूर
जेपी इन्फ्राटेक के खिलाफ ऋणशोधन प्रक्रिया चाहे जब शुरू हो लेकिन मकान खरीदार अपने मकान का कब्जा मिलेने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। पिछले नौ माह के दौरान समाधान पेशवर ने 3400 मकानों का कब्जा दिलाया है। समाधान पेशेवर के करीबी सूत्रों ने कहा, ‘समधान प्रक्रिया जारी है और हमारा लक्ष्य हर महीने 1000 लोगों को कब्जा देने की है।’ अधिकारियों का कहना है कि इन परियोजनाओं को पूरा करने में जितने श्रमिक लगाए गए हैं, उनकी संख्या काफी कम है। उनका कहना है कि करीब 15,000 श्रमिकों की जरूरत है, लेकिन काम पर महज 3,000 श्रमिक ही लगाए गए हैं। हालांकि सूत्रों ने कहा कि वह प्रति माह 1,000 मकानों का कब्जा देने के लक्ष्य को पूरा करेंगे।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नए सिरे से समाधान प्रक्रिया शुरू करने के पिछले हफ्ते के आदेश के बाद अंतरिम समाधान पेशेवर अनुज जैन ने जेपी इन्फ्राटेक के लिए नए अभिरुचि पत्र आमंत्रित किए हैं। राष्ट्रीय कंपनी लॉ पंचाट (एनसीएलटी) में मामला दर्ज होने के बाद समाधान के लिए तय 270 दिन समयसीमा इस साल मई में ही खत्म हो गई थी। उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में जेपी इन्फ्राटेक के मामले को एनसीएलटी में वापस भेजने और नए सिरे से पूरी प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। जून 2018 में ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता में संशोधन के बाद अदालत का यह आदेश आया है। इसमें अब मकान खरीदारों को भी वित्तीय ऋणदाता का दर्जा दिया गया है।
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