मिल चुकी है सीसीआई की मंजूरी आयकर विभाग को उम्मीद है कि अमेरिका की खुदरा दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट 16 अरब डॉलर की फ्लिपकार्ट अधिग्रहण सौदे में कर देनदारी का पता लगाने के लिए एक पखवाड़े के भीतर विदहोल्डिंग कर प्रमाणपत्र की मांग कर सकती है। विदहोल्डिंग कर प्रमाणपत्र के जरिये बेंगलूरु की कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीद में कर देनदारी के निर्धारण में सहूलियत होगी। इस सौदे को बुधवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी मिल गई थी। एक आयकर अधिकारी ने एसोचैम कर कॉन्फ्रेंस से इतर कहा, ‘अब जबकि सीसीआई की मंजूरी मिल चुकी है वॉलमार्ट एक हफ्ते के भीतर सौदे को अंतिम रूप दे सकती है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि कंपनी अगले 15 दिनों में धारा 197 के तहत आयकर विभाग से विदहोल्डिंग कर प्रमाणपत्र की मांग कर सकती है।’ उन्होंने बताया कि वॉलमार्ट पहले ही कर विभाग को हिस्सेदारी खरीद समझौते की जानकारी दे चुकी है। धारा 197 के तहत कोई अनिवासी भारतीय अपनी हिस्सेदारी बेचने पर भारतीय कर अधिकारियों को इसका कारण बता सकता है कि किस वजह से उसपर भारत में कम कर लगाया जाए या फिर कर को शून्य कर दिया जाए। सीसीआई ने अपने आदेश में कहा, ‘आयोग यह मानता है कि प्रस्तावित समझौते से भारत में प्रतिस्पर्धा को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा अत: इस सौदे की मंजूरी दी जाती है।’विदहोल्डिंग कर देश के बाहर की कंपनी को भुगतान किए जाने वाले ब्याज या लाभांश पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) होता है। वॉलमार्ट ने पिछले महीने आयकर विभाग को यह भरोसा दिलाया था कि वह सभी प्रकार के कर बाध्यताओं को पूरा करेगी। फिल्पकार्ट कंपनी के ऐसे निवेशक जो अपनी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेच रहे हैं, उन पर लगने वाले कर के निर्धारण के लिए कर विभाग के साथ हिस्सेदारी खरीद समझौते के कागजात सौंप चुकी है। फ्लिपकार्ट के ज्यादातर निवेशक जिन्होंने वॉलमार्ट को अपनी हिस्सेदारी बेची है अनिवासी हैं। फ्लिपकार्ट की मूल कंपनी का पंजीकरण सिंगापुर में हुआ है। सॉफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल, एक्सल पेरेंट्ïस और नैसपर्स फ्लिपकार्ट के बड़े विदेशी निवेशक थे। दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर के मामले में विदहोल्डिंग कर दर 10-29 फीसदी है जो निवेश की प्रकृति पर निर्भर करता है।नांगिया ऐंड कंपनी के प्रबंध पार्टनर राकेश नांगिया ने कहा, ‘भारतीय विदहोल्डिंग कर प्रावधानों के अनुसार, वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट सिंगापुर/फ्लिपकार्ट भारत में हिस्सेदारी खरीदने के लिए अनिवासी विके्रता को भुगतान करने पर लगने वाले कर में कटौती करने की पात्र होगी। यदि पक्षों को लगता है कि किसी कर समझौता लाभ के तहत उक्त सौदे पर भारत में कर नहीं लगाया जा सकता है तब खरीदार या विके्रता कंपनी भारतीय कर अधिकारियों से संपर्क कर शून्य या निम्न विदहोल्डिंग कर ऑर्डर की मांग कर सकती है।’
