महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी संगठनों द्वारा मंगलवार से शुरू की गई हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। हालांकि राज्य सरकार के आह्वन पर कुछ कर्मचारी संगठनों के हड़ताल से बाहर होने की वजह से काम काज पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा। महाराष्ट्र सरकार ने हड़ताल को अवैध करार देते हुए ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ की नीति को लागू कर दिया है।
सातवें वेतन आयोग समेत अन्य मांगों को लेकर महाराष्टï्र के लगभग 17 लाख कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए। लेकिन सरकार के सख्त रुख और लुभावने आश्वासनों के कारण कर्मचारी संगठनों में फूट पड़ गई जिससे मंत्रालय में काम-काज बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ। हालांकि राज्य के कुछ हिस्सों में हड़ताल का प्रभाव स्पष्टï रूप से देखने को मिला है। मंत्रालय में 70 प्रतिशत से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे हैं। वहीं मंत्रालय के अलावा बाकी सरकारी कार्यालयों में भी 37 प्रतिशत से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित दिखे।