सरकार ने 300 से भी अधिक कपड़ा उत्पादों पर आयात शुल्क दोगुना यानी 20 फीसदी कर दिया है। इसका मकसद चीन से बढ़ते आयात पर अंकुश लगाना है। यह कपड़े पर लगातार दूसरी शुल्क बढ़ोतरी है। पिछले महीने फाइबर और परिधानों समेत कुछ अन्य उत्पादों पर शुल्क बढ़ाया गया था। सरकार के इस कदम से घरेलू कपड़ा उद्योग को राहत मिलने की संभावना है। कपड़ा उद्योग सस्ते आयात से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मार्च 2018 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान भारत का कुल कपड़ा आयात 16 फीसदी बढक़र रिकॉर्ड 7 अरब डॉलर रहा है। इसमें से 3 अरब डॉलर का आयात चीन से हुआ है। सरकार ने उन 328 कपड़ा उत्पादों का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया, जिन पर आज शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की गई। बढ़ते आयात के कारण भारत का चीन के साथ कपड़ा उत्पादों में व्यापार घाटा 2017-18 में 1.54 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। इससे कपड़ा उद्योग के अधिकारी सतर्क हो गए हैं क्योंकि भारत अब तक चीन को कपड़ा उत्पादों का शुद्ध निर्यातक था। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि चीन भारत के शुल्क बढ़ाने पर पलटवार करेगा क्योंकि भारत के साथ उसका व्यापार सरप्लस है। उन्होंने कहा कि कर बढ़ाकर 20 फीसदी किए जाने से वर्ष 2018-19 में भारत का कपड़ा आयात गिरकर 6 अरब डॉलर पर आ सकता है। हाल के कुछ वर्षों में भारत का बांग्लादेश, वियतनाम और कंबोडिया से भी कपड़ा उत्पादों का आयात बढ़ा है क्योंकि इन देशों के साथ भारत के मुफ्त व्यापार समझौते (एफटीए) होने से उन्हें कोई शुल्क नहीं चुकाना पड़ता। जैन ने कहा कि एफटीए के कारण उन देशों से आयातित कपड़ा उत्पादों पर 20 फीसदी शुल्क नहीं लगेगा। उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान चीन से फाइबर का बांग्लादेश को निर्यात हो रहा है और वहां इसका प्रसंस्करण कर भारत को बिना किसी शुल्क के निर्यात किया जा रहा है। मुंबई के एक परिधान निर्यातक ने नाम न छापने का आग्रह करते हुए कहा, ‘कपड़ा उत्पादों के लिए उत्पादन स्थान के नियम लागू किए जाने चाहिए। अन्यथा चीन के उत्पाद अन्य देशों के रास्ते देश में आ जाएंगे।’जैन ने कहा कि कमजोर रुपये और सरकारी प्रोत्साहनों की बदौलत भारत का कपड़ा एवं परिधान निर्यात वर्ष 2018-19 में 8 फीसदी बढक़र 40 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के अमेरिका के साथ व्यापार मतभेद भी बढ़ रहे हैं। भारत ने जून में अमेरिका से आयातित बादाम और कुछ अन्य चीजों पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया था। भारत अमेरिकी बादाम का सबसे बड़ा खरीदार है।
