एचडीएफसी म्युचुअल फंड के शेयर का सोमवार को एक्सचेंज में आगाज हुआ और कारोबार के दौरान यह 68 फीसदी उछल गया। पिछले साल एवेन्यू सुपरमाट्र्स की लिस्टिंग के बाद किसी शेयर का पहले दिन का प्रदर्शन शानदार है। संपत्ति प्रबंधन कंपनी का शेयर 65 फीसदी यानी 715 रुपये की उछाल के साथ 1,815 रुपये पर बंद हुआ, जबकि इसका इश्यू प्राइस 1,100 रुपये प्रति शेयर था। एवेन्यू सुपरमाट्र्स का शेयर मार्च 2017 में आगाज के बाद से दोगुने से ज्यादा हो गया है।
डी-मार्ट खुदरा शृंखला की परिचालक कंपनी का शेयर इसके इश्यू प्राइस के मुकाबले पांच गुने से ज्यादा ऊपर है। एचडीएफसी एमएफ का शानदार आगाज आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में इसके शेयरों की भारी मांग के बाद देखने को मिला, जो पिछले महीने बंद हुआ था। इस शेयर को 80 गुना से ज्यादा आवेदन मिले और कुल मिलाकर इशने 1.7 लाख करोड़ रुपये की बोली हासिल की। कोल इंडिया के 2010 के आईपीओ के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ है जिसे इतने आवेदन मिले। इस इश्यू को रिकॉर्ड 2.4 करोड़ खुदरा आवेदन मिले और इस तरह से हर चार में से एक आवेदक को शेयर आवंटित हुआ।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि आईपीओ में पर्याप्त आवंटन न पाने वाले संस्थागत निवेशक द्वितीयक बाजार में एचडीएफसी एमएफ के शेयर खरीदने के लिए भारी प्रीमियम चुकाने के इच्छुक थे। एनएसई व बीएसई पर 40 अरब रुपये से ज्यादा के शेयरों का लेनदेन हुआ, जहां शेयर ने 1,726 रुपये के निचले स्तर और 1,844 रुपये के उच्चस्तर को छुआ। नोमूरा ने एक रिपोर्ट में कहा है कि देसी संपत्ति प्रबंधन कंपनियों को लेकर उसका नजरिया तेजी का है क्योंकि यहां बढ़त के मजबूत मौके हैं। ब्रोकरेज का मानना है कि 2024-25 तक प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में सालाना 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होगी। साथ ही वित्तीय बचत में हो रही बढ़ोतरी की लाभार्थियों में से एक होगी क्योंकि इसके प्रसार का स्तर अभी काफी कम है।
अभी एचडीएफसी एमएफ और रिलायंस निप्पॉन एमएफ शुद्ध रूप से सूचीबद्ध म्युचुअल फंड कंपनियां हैं। रिलायंस निप्पॉन एएमसी का शेयर सोमवार को 3.7 फीसदी टूट गया। अनिल अंबानी की अगुआई वाली कंपनी का बाजार पूंजीकरण अभी 158 अरब रुपये है और यह 2.5 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करती है। इसकी तुलना में एचडीएफसी एमएफ (एयूएम 3.1 लाख करोड़ रुपये) का बाजार पूंजीकरण 388 अरब रुपये है।
सूचीबद्धता के दिन एचडीएफसी एमएफ के शेयर में आई उछाल से इसका बाजार पूंजीकरण 152 अरब रुपये बढ़ा जबकि इश्यू प्राइस पर इसका मूल्यांकन 233 अरब रुपये था। एचडीएफसी एमएफ के शेयर के प्रीमियम की वजह एचडीएफसी का ब्रांड नाम, इक्विटी परिसंपत्तियों की ज्यादा हिस्सेदारी और खुदरा निवेशकों की ज्यादा संख्या है। इक्विटी परिसंपत्तियों का प्रबंधन ज्यादा लाभकारी है। बड़ी कंपनियों में एचडीएफसी एमएफ का डेट-इक्विटी सबसे ज्यादा अनुकूल है और 2017-18 में यह सबसे ज्यादा लाभकारी फंड हाउस रहा।
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