कई मानदंडों पर आइडिया कमजोर | |
किरण राठी / नई दिल्ली 07 31, 2018 | | | | |
► राजस्व, परिचालन मुनाफा, मार्जिन और प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) के मोर्चे पर तिमाही के दौरान कंपनी का प्रदर्शन कमजोर रहा
► आइडिया का 100 रुपये का एआरपीयू उद्योग में अन्य प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले सबसे कम है। वोडाफोन का एआरपीयू 102 रुपये, भारती एयरटेल का एआरपीयू 105 रुपये और रिलायंस जियो का एआरपीयू 135 रुपये रहा
► एकीकृत कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के लिए जबरदस्त प्रतिस्पर्धा वाले इस बाजार में मार्जिन में सुधार लाना आसान नहीं होगा
► एकमुश्त आय के कारण लाभ दर्ज कर इसने सबको अचंभित किया
आइडिया सेल्युलर ने अपनी टावर परिसंपत्तियों की बिक्री से हुई एकमुश्त आय के कारण जून तिमाही के लिए 2.57 अरब रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज कर भले ही सबको अचंभित कर दिया लेकिन प्रमुख मानदंडों पर कंपनी का प्रदर्शन अभी भी कमजोर दिख रहा है। आदित्य बिड़ला समूह की यह कंपनी जल्द ही वोडाफोन इंडिया के साथ एकीकृत होने वाली है। राजस्व, परिचालन मुनाफा, मार्जिन और प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) के मोर्चे पर तिमाही के दौरान कंपनी का प्रदर्शन कमजोर रहा।
वास्तव में आइडिया का 100 रुपये का एआरपीयू उद्योग में अन्य प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले सबसे कम है। वोडाफोन का एआरपीयू 102 रुपये, भारती एयरटेल का एआरपीयू 105 रुपये और रिलायंस जियो का एआरपीयू 135 रुपये रहा। विश्लेषकों का कहना है कि एकीकृत कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के लिए जबरदस्त प्रतिस्पर्धा वाले इस बाजार में मार्जिन में सुधार लाना आसान नहीं होगा।
क्रेडिट सुइस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आइडिया सेल्युलर का 3जी/4जी ग्राहक आधार तिमाही दर तिमाही 11 लाख शुद्ध वृद्धि के साथ लगभग स्थिर है। जबकि भारती एयरटेल के मामले में यह आंकड़ा 30 लाख और रिलायंस जियो के मामले 90 लाख है। साथ ही, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आइडिया का पूंजीगत खर्च 9.8 अरब रुपये रहा जो एयरटेल के 78.7 अरब रुपये और रिलायंस जियो के 175 अरब रुपये के पूंजीगत खर्च के मुकाबले बेहद मामूली है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि एकीकृत कंपनी अत्यधिक ऋण बोझ और पर्याप्त नकदी प्रवाह न होने के कारण निवेश करने में हिचकेगी।’ तिमाही के दौरान टावर परिसंपत्तियों की बिक्री से आइडिया सेल्युलर को 33.65 अरब रुपये की आय हुई। क्रमिक आधार पर कंपनी के राजस्व में 2.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
जबकि तिमाही के दौरान कंपनी की एबिटा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 65 फीसदी घटकर 6.6 अरब रुपये रह गई। विश्लेषकों ने कहा कि वित्तीय नतीजा यह साबित करता है कि पिछले 12 से 18 महीने के दौरान एयरटेल और जियो के मुकाबले आइडिया का निवेश कम होने से उसकी बाजार हिस्सेदारी प्रभावित होने लगी है। पहली तिमाही के दौरान आइडिया को करीब 66 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ जबकि इस दौरान उसने 11 लाख ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं को जोड़ा जो जियो और एयरटेल के मुकाबले काफी कम है। इस दौरान रिलायंस जियो ने 1.24 नए ग्राहक जोड़े जबकि एयरटेल से जुडऩे वाले नए ग्राहकों की संख्या 91 लाख रही। जेपी मॉर्गन ने कहा, ‘निवेश के मोर्चे पर आइडिया अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले पीछे है।’
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