बिहार सरकार के मुताबिक राज्य में बीते 4 दिनों की मूसलाधार बारिश के बाद भी राज्य में सभी तटबंध सुरक्षित हैं। इस काम के लिए जल संसाधन विभाग ने वित्त वर्ष के पहले 4 महीने में 1,250 करोड़ रुपये खर्च किए। दूसरी तरफ, लगातार बारिश से राज्य में धान का रकबा एक हफ्ते में ही 3 गुना हो गया। राज्य के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के मुताबिक बाढ़ की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा, 'बिहार का करीब दो-तिहाई इलाका बाढ़ प्रभावित है। हम हर साल बाढ़ सुरक्षा के लिए बड़ी राशि और संसाधन खर्च करते हैं। हालांकि, अभी राज्य में सभी तटबंध पूरी तरह सुरक्षित हैं और अहम नदियां अब भी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। सोमवार दोपहर तक बीरपुर बैराज में कोसी नदी में कुल बहाव 1.38 लाख क्यूसेक था, जबकि वाल्मिकीनगर में गंडक बैराज से कुल बहाव 1.09 लाख क्यूसेक है। वहीं, सोन नदी का बहाव भी 38 हजार क्यूसेक था। मोटे तौर पर राज्य में सभी तटबंध सुरक्षित हैं और अब तक किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं है। आगे की परिस्थिति पर हमारी नजर है।' उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में उनके विभाग ने कुल 423 बाढ़ सुरक्षा और निरोधक कार्यों को पूरा किया, जिस पर 1,250.44 करोड़ रुपये की लागत आई। यह विभाग के कुल आवंटन का 49 फीसदी है।
दूसरी तरफ, इस लगातार बारिश से राज्य की खेती को फायदा हुआ है। जुलाई के पूरे महीने में जितनी बारिश होती है, उसकी 50 फीसदी बीते 3 दिन में ही हो गई। इससे राज्य में धान का रकबा भी 3 गुना बढ़ गया है। राज्य के कृषि मंत्री प्रेम कुमार के मुताबिक लगातार बारिश की वजह से बिहार में बारिश की किल्लत अब 25 फीसदी रह गई है। हालांकि, अब भी राज्य सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा, 'राज्य में बारिश की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। अब तक बिहार में सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश हुई है, जो बीते हफ्ते तक 50 फीसदी कम थी। वहीं, अब तक राज्य में 17.1 लाख हेक्टेयर धान की रोपाई हो चुकी है, जो कुल रकबे का 50.3 फीसदी है।