छत्तीसगढ़ में मिला 50 करोड़ टन चूना पत्थर का भंडार | आर कृष्णा दास / रायपुर July 29, 2018 | | | | |
खनिज संपदा से धनी राज्य छत्तीसगढ़ में चूना-पत्थर के एक बड़े भंडार को खोजा गया है। इस खदान में 50 करोड़ टन चूना-पत्थर का भंडार होने का अनुमान है। चूना-पत्थर का इस्तेमाल सीमेंट बनाने में कच्चे माल के तौर पर होता है। छत्तीसगढ़ का यह भंडार राज्य के पांच जिलों - रायपुर, बालोदाबाजार, चांपा, रायगढ़ और बस्तर तक फैला है। इस खदान का पता 2017-18 राज्य के भूगर्भ एवं खनन महानिदेशालय द्वारा उत्खनन अभियान के दौरान लगाया गया था। छत्तीसगढ़ के भूगर्भ एवं खनन महानिदेशालय पिछले कई वर्षों से चूना-पत्थर की संभावनाओं का पता लगाने में जुटा है। इसी क्रम में राज्य में सीमेंट संयंत्र स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर उपयुक्त स्थलों को चिह्निïत किया गया है।
राज्य के खनन सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा, 'भंडार में उच्च गुणवत्ता वाला चूना-पत्थर हैं और इसकी नीलामी निकट भविष्य में की जाएगी।' छत्तीसगढ़ ने फरवरी 2016 में गैर-कोयला खनिज की पहली सफल नीलामी की थी। इसके तहत करही-चंडी चूना-पत्थर ब्लॉक की नीलामी की गई थी। खदान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन अधिनियम, 2005 के प्रभावी होने के बाद से चार चूना-पत्थर ब्लॉकों की ई-नीलामी की गई है। इसमें नीलामी प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाती है।
देश के चूना-पत्थर भंडार में राज्य का योगदान 4.84 फीसदी है। उच्च गुणवत्ता वाले चूना-पत्थर का भंडार मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के रायपुर, बालोदा बाजार, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कवर्धा, रायगढ़, बस्तर और सुकमा आदि जिलों में है। देश की सभी 10 प्रमुख सीमेंट इकाइयां इस राज्य में परिचालन में हैं। मौजूदा इकाइयों के विस्तार के साथ ही कुछ नई इकाइयां भी राज्य में आएंगी, जिससे उत्पादन में इजाफा होगा।
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