हड़ताल : थमी माल की आवाजाही | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली/मुंबई/अहमदाबाद/ चेन्नई July 27, 2018 | | | | |
पिछले आठ दिन से जारी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से देश के अधिकतर इलाकों में कच्चे माल, तैयार सामान, आवश्यक जिंसों की आवाजाही प्रभावित हुई और इनकी कीमतें भी बढ़ गईं हैं। गुजरात में आवश्यक जिंस और टेक्टसाइल पर सबसे ज्यादा मार पड़ी। निर्यात क्षेत्र पर भी हड़ताल का बुरा असर पड़ा है। इसके अलावा देश के विभिन्न इलाकों में औद्योगिक कच्चे माल और तैयार माल की आवाजाही भी थम गई। दिल्ली के थोक बाजारों में कारोबारियों की इन्वेंट्री और बिक्री काफी गिर गई। थोक बाजारों में आवश्यक जिंसों के दाम या तो स्थिर रहे या इनमें मामूली वृद्घि हुई। लेकिन कई शहरों में इनकी खुदरा कीमतें चढ़ गईं। कई इलाकों में हड़ताल के साथ भारी बारिश व जलभराव से जिंसों की ढुलाई बाधित हुई। ऑटोमोबाइल और कलपुर्जा का परिवहन भी बाधित होने से इनके निर्यात पर भी विपरीत असर हुआ।
गुजरात में कपास, नारियल व दालों के साथ फल-सब्जियों की आवक में कमी आई। राजकोट एपीएमसी स्थित कमीशन एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल कामानी ने कहा राजकोट में 40-50 करोड़ और गुजरात की अन्य अहम मंडियों में 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने कहा कि सूरत से रोजाना 400 ट्रक टेक्सटाइल की ढुलाई करते हैं। हड़ताल से सूरत में रोजाना 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। एक ट्रांसपोर्ट संगठन के मुताबिक तमिलनाडु में 2,500 अरब रुपये का नुकसान हो चुका है। महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी फैक्ट्री फेडरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय खटल ने कहा इस सप्ताह मुंबई एपीएमसी में चीनी की आवक 80 फीसदी घटी और हड़ताल के कारण इसका उठाव भी नहीं हुआ। इसलिए कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ा। दिल्ली केमिकल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता कहते हैं हड़ताल के चलते केमिकल कारोबारियों की आधे से ज्यादा इंवेंट्री खत्म हो चुकी है। दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने कहा बाहरी राज्यों के ऑर्डर तो ठप हैं ही, अब तो हड़ताल और दो दिन से बारिश के कारण स्थानीय बिक्री भी 40 से 50 फीसदी गिर चुकी है। पटपडग़ंज औद्योगिक क्षेत्र संघ के अध्यक्ष संजय गौड़ ने कहा चक्काजाम से औद्योगिक क्षेत्रों में आपूर्ति शृंखला टूट चुकी है।
एपीएमसी आजादपुर के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र शर्मा ने महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश से प्याज की आपूर्ति आधी रहने के बीच राजस्थान से दुगुनी आपूर्ति से स्थिति नियंत्रण में रही और आलू-प्याज के दाम करीब एक रुपये किलो गिर गए। चैंबर ऑफ फ्रूट ऐंड वेजिटेबल आजादपुर के महासचिव राजकुमार भाटिया ने कहा आवक पर्याप्त है, लेकिन मंडी से बाहर माल नहीं जाने से सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई है।
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