भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त | |
अर्चिस मोहन / नई दिल्ली 07 25, 2018 | | | | |
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►एफईओ संबंधी मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा
►100 करोड़ रुपये से अधिक का मामला होने पर विदेश भाग चुके आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा
► नोटिस जारी होने के छह हफ्ते के भीतर आरोपी को अदालत में पेश होना होगा
► ऐसा नहीं होने पर प्रवर्तन निदेशालय आरोपी की संपत्ति जब्त कर लेगा
विदेश में जमा काला धन वापस ला पाने में कथित नाकामी और विजय माल्या एवं नीरव मोदी जैसे अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए अपेक्षित राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाने का मोदी सरकार पर आरोप लगाए जाने के बीच संसद ने बुधवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक पारित कर दिया। संसद के उच्च सदन राज्यसभा ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया जबकि लोकसभा इसे गत 19 जुलाई को ही पारित कर चुकी है। दोनों सदनों की स्वीकृति मिलने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून की शक्ल अख्तियार कर लेगा। विधेयक में आर्थिक अपराध करने वालों को देश छोड़कर भागने से रोकने के प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय को भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की शक्ति भी दी गई है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आपराधिक कानूनों में भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की सरकारी एजेंसियों को इजाजत नहीं थी लेकिन नए कानून में उन्हें यह अधिकार मिल जाएगा। गोयल ने कहा, 'यह विधेयक आर्थिक अपराध करने वालों को देश छोड़कर भागने से रोकने का एक प्रभावी, त्वरित एवं संवैधानिक तरीका मुहैया कराता है। ऐसे भगोड़े अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान नए कानून में होना जरूरी था। संपत्ति जब्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर हम गौर करेंगे।'
उन्होंने कहा, 'नया कानून आर्थिक अपराध करने वालों को विदेश भागने से रोकने में सफल रहेगा। इसके अलावा पहले से ही विदेश भाग चुके आर्थिक अपराधी भी अपनी संपत्तियां जब्त होने के डर से स्वदेश लौट आएंगे।' उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए विदेश भाग चुके आर्थिक अपराधियों को प्रत्यर्पित कर भारत लाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है। इसके पहले विपक्षी दलों के कई सदस्यों ने विदेश भागने वाले आर्थिक अपराधियों को स्वदेश लाने और उनके खिलाफ कार्रवाई में देरी करने का मोदी सरकार पर आरोप लगाया था। विपक्षी सदस्यों ने यह मांग भी रखी कि इस कानून के प्रावधान लागू करने के लिए की गई 100 करोड़ रुपये की सीमा को कम कर 10 करोड़ रुपये कर दिया जाए। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि नए कानून का मकसद बड़े अपराधियों को पकडऩा है, अदालतों पर बोझ बढ़ाना नहीं।
नए कानून में किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए विशेष अदालतों के गठन का प्रावधान रखा गया है। यह अदालत ही इन अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने और उसके प्रबंधन एवं निपटान के बारे में निर्णय करेगी। संपत्ति जब्त करने का यह काम समयबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाएगा। एक दिन पहले ही संसद ने भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन अधिनियम को भी पारित किया है। इस तरह भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मददगार हो सकने वाले दो कानूनों को दो दिनों के भीतर संसद की मंजूरी मिली है। इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी आभूषण कारोबारी मेहुल चोकसी के बारे में जानकारी के लिए एंटीगा के अधिकारियों से संपर्क साधा है।
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