आसान कारोबारी नियमों ने बढ़ाया अफगानिस्तान से मेवों का आयात | |
शुभायन चक्रवर्ती / नई दिल्ली 07 24, 2018 | | | | |
भारतीय बाजार में अधिक मांग और आसान कारोबारी नियमों के चलते जल्दी ही अफगानिस्तानी मेवे की भरमार होने वाली है। पिछले सप्ताह अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्रीज और अफगानिस्तानी कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित ट्रेड मिशन में अधिकांश अफगानिस्तानी निर्यातकों ने 670 लाख डॉलर से अधिक की कीमत के सौदों पर हस्ताक्षर किए। अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के मुताबिक, 'कुल मिलाकर 5,200 टन के लगभग 273 लाख डॉलर कीमत के तय सौदों पर हस्ताक्षर हुए। शीर्ष तीन उत्पादों में किशमिश (37.1 प्रतिशत), केसर (17.5 प्रतिशत) और सेब (7.3 प्रतिशत) शामिल हैं। दूसरे उत्पादों में अंगूर, खुबानी, अनार, मेवे और फ्रूट जूस आदि हैं। इसके अलावा, संभावित सौदों की कुल कीमत 394 लाख डॉलर के करीब है।'
इन सभी सौदों के पूरा होने पर अफगानिस्तान से भारत का आयात 15 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा, जो वर्तमान में 43.3 करोड़ डॉलर है। पिछले वर्ष दिल्ली और मुंबई से काबुल के लिए दो नए सीधे हवाई रास्ते शुरू होने से काबुल भारत के साथ कारोबार बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की भागीदारी के बाद अफगानी उत्पादों वाले एयर कार्गो की दिल्ली तथा मुंबई तक सीधी उड़ान शुरू हुई है। एक सूत्र ने बताया कि दोनों देशों के बीच अभी तक 100 से अधिक हवाई यात्राएं हो चुकी हैं, जिनमें 2,500 टन सामान की आवाजाही हुई है। दूसरी ओर, अंगूर और किशमिश के पारंपरिक आयात से आगे बढ़ते हुए भारतीय आयातक सेब और दूसरे फलों की ओर भी बढ़ रहे हैं।
सूरी एग्रोफ्रेश के अध्यक्ष और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुधीर सूरी कहते हैं, 'हमें बड़ी मात्रा में अफगानी उत्पाद चाहिये और भारत-अफगानिस्तान के बीच नया हवाई गलियारा बनने से इसमें आसानी होगी। हम दूसरे देशों से आयात में कमी करेंगे और अफगानी उत्पादों को स्थान उपलब्ध करायेंगे।' अफगानिस्तानी सेब को लेकर उद्योग की चिंता भी बढ़ी हुई है। दरअसरल, सरकार ने 4 अगस्त से अमेरिका से आने वाले सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे भारतीय आयातक काफी परेशान हैं। अभी, सेब के मामले में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा स्रोत है।
सालों की लड़ाई और नागरिक संघर्ष के बावजूद अफगानिस्तान भारत के लिए मेवों का एक बड़ा स्रोत बना हुआ है। पिछले कुछ सालों से इस क्षेत्र में लगातार तेजी बनी हुई है। देश में कृषि और संबंधित उत्पादों का लगभग 99 प्रतिशत आयात अफगानिस्तान से ही होता है। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत शाहिद मोहम्मद अब्दाली ने पिछले सप्ताह पीटीआई को बताया, 'पिछले तीन सालों में काबुल से भारत को लगभग 10,200 टन का निर्यात किया गया है। पिछले एक वर्ष में यह 2,500 टन पार कर गया है और इस बार इसके 5,000 टन पार करने की उम्मीद है।'
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