पहली छमाही में यूएसएफडीए से कम मंजूरियां | |
सोहिनी दास / मुंबई 07 24, 2018 | | | | |
कैलेंडर वर्ष 2018 की पहली छमाही के दौरान भारतीय औषधि कंपनियों को अमेरिकी औषधि नियामक से मिलने वाली अंतिम दवा मंजूरियों में गिरावट आई है। इस दौरान भारतीय औषधि कंपनियों की महज 101 दवाओं को ही अंतिम मंजूरी दी गई जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 126 रहा था। दवाओं को यूएसएफडीए से मंजूरी के लिहाज से 2017 भारतीय औषधि कंपनियों के लिए एक बेहतरीन वर्ष रहा था। उस दौरान भारतीय औषधि कंपनियों को 304 एब्रिविएटेड न्यू ड्रग ऐप्लिकेशन (एएनडीए) के लिए यूएसएफडीए से अंतिम मंजूरियां मिलीं जबकि वैश्विक स्तर पर कुल 846 एएनडीए को यूएसएफडीए की मंजूरियां मिलीं। इस प्रकार कुल मंजूरियों में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 36 फीसदी रही।
हालांकि कुल एफडीए मंजूरी के मोर्चे पर भारतीय कंपनियां फिसल गईं लेकिन कैलेंडर वर्ष 2018 की पहली छमाही के दौरान अंतिम मंजूरियों की संख्या बढ़कर 386 हो गई जो जनवरी से जून 2017 के दौरान 286 रही थी। इस दौरान कुल अस्थायी मंजूरियों की संख्या भी 58 से बढ़कर 83 हो गई। हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि इस साल की दूसरी छमाही में मंजूरियों की रफ्तार में तेजी आएगी। उदाहरण के लिए, कैडिला हेल्थकेयर को केवल जुलाई में ही आठ अंतिम मंजूरियां हासिल हुईं। जबकि सन फार्मास्युटिकल्स को गुजरात के अपने हलोल संयंत्र से विनिर्मित पहली दवा के लिए पांच साल बाद जुलाई में यूएसएफडीए की मंजूरी मिली।
एडलवाइस सिक्योरिटीज के सहायक निदेशक दीपक मलिक का कहना है कि वर्ष 2018 की दूसरी छमाही के दौरान दवाओं की अंतिम मंजूरियों में तेजी आएगी क्योंकि अधिकतर भारतीय कंपनियां तमाम नई दवाओं के साथ मैदान में तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'मंजूरियों की रफ्तार में मामूली गिरावट चिंता की बात नहीं है क्योंकि दूसरी छमाही के दौरान इसमें तेजी आनी चाहिए।' अरबिंदो फार्मा को जनवरी से जून 2018 की अवधि में अमेरिकी औषधि नियामक से 22 मंजूरियां हासिल हुईं। हैदराबाद की यह कंपनी पिछले एक साल से लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अप्रैल 2017 में उसके एएनडीए के लिए यूएसएफडीए से 66 मंजूरियां (अस्थायी मंजूरी सहित) हासिल हुईं। वर्ष 2017-18 के दौरान कंपनी ने अनुसंधान एवं विकास पर 4 फीसदी राजस्व खर्च किया जो 6.6 अरब रुपये है।
कैडिला हेल्थकेयर की अमेरिकी सहायक इकाई को भी चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही के दौरान 16 दवाओं के लिए यूएसएफडीए से अंतिम मंजूरियां मिलीं। मुंबई की औषधि कंपनी ल्यूपिन को इस दौरान करीब 8 अंतिम मंजूरियां हासिल हुई जबकि उसके बाद 7 मंजूरियों के साथ डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज का स्थान रहा।
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