वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में वृद्धि की बात को आज आंकड़ों के साथ खारिज करते हुए कहा कि 2017 में भारतीयों के वहां जमा धन में 34.5 प्रतिशत और 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 80 प्रतिशत की गिरावट आई है। उन्होंने दुनिया के केंद्रीय बैंकों की बपहुपक्षीय संस्था बैंक फॉर इंटरनैशनल सैटलमेंट (बीआईएस) के हवाले से ये आंकडे दिए। गोयल ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान पिछले महीने स्विस नैशनल बैंक के हवाले से प्रकाशित ऐसी रिपोर्टों को खारिज किया जिसमें स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों की जमा बढ़़ने की बात कही गई थी। रिपोर्टों में स्विस नैशनल बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया था कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में 2017 में भारतीयों की जमा राशि 50 प्रतिशत बढ़ी है।
गोयल ने प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा को बताया कि उन्होंने इस बारे में स्विस प्रशासन के साथ बातचीत की। उन्हें लिखित में बताया गया कि मीडिया रिपोर्टों को उस तरह से रिपोर्ट नहीं किया गया जैसा कि स्विस नैशनल बैंक (एसएनबी) के आंकड़ों की व्याख्या होनी चाहिए थी। पिछले महीने ही एसएनबी के आंकड़े जारी करते हुए समाचार दिया गया था कि लगातार तीन साल तक गिरने के बाद स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि 2017 में बढ़कर 1.01 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 7,000 करोड़ रुपये) हो गई।
गोयल ने कहा, स्विस सरकार का कहना है कि भारतीय मीडिया में स्विस नैशनल बैंक के नियमित रूप से प्रकाशित आंकड़ों का हवाला दिया जाता है और उसे स्विट्जरलैंड के वित्तीय संस्थानों में भारतीयों की जमा संपत्ति के विश्वसनीय आंकड़ों के रूप में प्रकाशित किया जाता है। उन्होंने (वहां की सरकार ने) यह भी कहा कि ऐसा करना क्यों गलत है। उनका कहना है कि इन मीडिया रिपोर्टों में प्राय: इन आंकड़ों को उस तरह से प्रस्तुत नहीं किया जाता जैसे कि किया जाना चाहिए। इसकी वजह से संबंधित समाचारों की सुर्खियां और विश्लेषण भ्रामक हो जाते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि स्विस प्राधिकरण के मुताबिक स्विटजरलैंड के बैंकों में जमा राशि के बारे में बैंक ऑफ इंटरनैशनल सैटलमेंट के लोकेशन बैंकिंग स्टेटिस्टिक्स (एनबीएस) के आंकड़े अधिक विश्वसनीय स्रोत हैं। एलबीएस अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग गतिविधियों पर बैंक के कार्यालय की जगह के आधार पर ध्यान देता है और देश से दूसरे देश के बीच बैंक लेनदेन के 95 प्रतिशत मामलों की उसे जानकारी रहती है।
उन्होंने कहा कि एसएनबी के आंकड़ों में गैर-जमा देनदारियों, स्विस बैंकों की भारत में स्थित शाखाओं के कारोबार, अंतर बैंक लेनदेन और दूसरे जिम्मेदार पेशेवरों की देनदारियों के आंकड़ों को भी शामिल किया गया होता है। इसके विपरीत बैंक ऑफ इंटरनेशनल सैटलमेंट (बीआईएस) के आंकडों से पता लगता है कि 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि 34.5 प्रतिशत घटकर 52.40 करोड़ डॉलर रह गई। वर्ष 2016 में यह 80 करोड़ डॉलर थी। इनमें व्यक्तियों और कंपनियों की जमा शामिल होती पर इसमें बैंकों के बीच के लेनदेन को शामिल नहीं किया जाता है। गोयल ने इसके साथ ही कालेधन के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का अपनी सरकार का संकल्प भी दोहराया।
इनेलो सदस्य राम कुमार कश्यप ने हालिया मीडिया रिपोर्टों में स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा काले धन में पिछले एक साल में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी का हवाला देते हुए सरकार से इस बारे में आधिकारिक जानकारी देने और स्थिति से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में पूछा था।