रूस के बचाव पर बवाल | एजेंसियां / July 17, 2018 | | | | |
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के आरोपों को नकारने के बाद अपने देश में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ हेलसिंकी में हुई बैठक के बाद यह कहा था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दावों के उलट रूस ने राष्ट्रपति चुनाव में कोई हस्तक्षेप नहीं किया था।
ट्रंप के इस बयान ने उनके अपने ही देश में उन्हें आलोचना के घेरे में ला खड़ा किया है। कुछ लोगों ने जहां पुतिन के साथ हुए संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप की टिप्पणियों को अपमानजनक, शर्मनाक और विश्वासघाती बताया वहीं राष्ट्रपति के कुछ करीबी समर्थक भी उनके बयान को उनके कार्यकाल की सबसे गंभीर गलती बता रहे हैं।
हालांकि यूरोपीय देशों की एक सप्ताह लंबी यात्रा के बाद व्हाइट हाउस लौटे ट्रंप ने अपनी टिप्पणियों का बचाव किया है। उन्होंने कहा, 'मुझे अपने खुफिया विभाग पर काफी भरोसा है लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए हम सिर्फ अतीत पर निर्भर नहीं रह सकते हैं।
राजनीति के चक्कर में शांति गंवाने के बजाय मैं शांति की खोज में राजनीतिक खतरा मोल लेना सही समझता हूं।' इस बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी नैशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डैन कोट्स अपने रुख पर अडिग हैं।
कोट्स ने कहा, '2016 चुनाव में रूसी हस्तक्षेप और अमेरिकी लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के उसके प्रयासों पर हम स्पष्ट हैं। हम आगे भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तार्किक सूचनाएं मुहैया कराते रहेंगे।'
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पॉल रायन, सीनेटर लिंडसे ग्राहम और सीआईए के पूर्व निदेशक जॉन ब्रेनन ने भी ट्रंप को निशाने पर लिया है। रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैकेन ने कहा, 'यह संवाददाता सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति के इतिहास में अब तक का सबसे शर्मनाक वाकया है।'
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