एलआईसी लाएगी खुली पेशकश | |
सोमेश झा / नई दिल्ली 07 10, 2018 | | | | |
सौदे के बाद नया नाम हो सकता है एलआईसी आईडीबीआई बैंक
► एलआईसी आईडीबीआई के शेयरधारकों के लिए लाएगी खुली पेशकश
► एलआईसी को 51 फीसदी तरजीही शेयर आवंटित करने से बैंक में सरकार की हिस्सेदारी होगी कम
► आईडीबीआई बैंक होगा एलआईसी की सहायक इकाई
► विदेश में कर्ई बीमा कंपनियां बैंकों की प्रवर्तक हैं या वित्तीय सेवा कारोबार का करती हैं परिचालन
बीमा दिग्गज भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को अधिग्रहण संहिता के मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। ऐसे में एलआईसी को आईडीबीआई बैंक के शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश लानी होगी। किसी सूचीबद्ध कंपनी में 25 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी के अधिग्रहण पर खुली पेशकश लाने का नियम है। इस खबर से मंगलवार को आईडीबीआई बैंक का शेयर 9.02 फीसदी चढ़कर 53.20 रुपये पर बंद हुआ। इस नियम के तहत शेयर खरीदने वाली कंपनी को अतिरिक्त शेयर खरीदने के लिए मौजूदा शेयरधारकों के लिए अनिवार्य रूप से पेशकश करनी होती है। इसका मकसद शेयरधारकों को कंपनी से बाहर निकलने का मौका देना है क्योंकि प्रबंधन में बदलाव से निवेशकों का जोखिम बढ़ सकता है।
पिछले महीने भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) ने एलआईसी को आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की योजना को मंजूरी दी थी। अभी आईडीबीआई बैंक में सरकार की 80.96 फीसदी हिस्सेदारी है, वहीं एलआईसी के पास 10.82 फीसदी हिस्सेदारी है। सूत्रों ने कहा कि खुली पेशकश शेष 8.22 फीसदी हिस्सेदारी के लिए लानी होगी क्योंकि सरकार खुली पेशकश में हिस्सा नहीं लेगी। इस सौदे के तहत आईडीबीआई बैंक में 130 अरब रुपये का निवेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार एलआईसी का नाम आईडीबीआई बैंक के साथ जुड़ सकता है। एलआईसी की अन्य सहायक इकाइयों एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस, एलआईसी म्युचुअल फंड और एलआईसी पेंशन फंड की तरह इस बैंक के नाम में एलआईसी लग सकता है। बैंक के नाम में बदलाव के लिए कंपनी मामलों के मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, 'हम उस परिदृश्य की कल्पना कर रहे हैं जिसमें ग्राहक सेवाओं को समर्पित बैंक के माध्यम से और सुदृढ़ बनाया जाएगा। ऐसा होने से ग्राहक के पास एलआईसी डेबिट कार्ड होगा, वहीं बीमा पॉलिसी भी उपलब्ध होगी।' अधिकारी ने कहा कि यह सौदा एलआईसी और आईडीबीआई बैंक दोनों के लिए फायदेमंद होगा। एलआईसी को परिचालन लागत कम करने, वितरण नेटवर्क का विस्तार करने और बीमा तथा बैंकिंग समाधान मुहैया कराने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
उक्त अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीमा कंपनियां बैंकों की प्रवर्तक हैं या समूह की कंपनी या होल्डिंग फर्म के माध्यम से वित्तीय समूह का परिचालन करती हैं। प्रूडेंशियल फाइनैंशियल (प्रूडेंशियल बैंक एवं ट्रस्ट एफएसबी), आईएनजी समूह और मेटलाइफ इसके उदाहरण हैं। भारत में भी बहुत सारे बैंकों की अपनी बीमा कंपनी भी है, जैसे कि भारतीय स्टेट बैंक की एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई बैंक की आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी की एचडीएफसी लाइफ। अधिकारी ने कहा, 'बैंक बीमा कंपनियों के लिए प्रभावी, कम लागत वाले वितरण नेटवर्क के तौर पर बैंकइंश्योरेंस की सेवाएं देते हैं। इसके अभाव में एलआईसी को प्रतिस्पर्धी लाभ नहीं मिल पाता है।' इस व्यवस्था के तहत बैंक के जरिये बीमा उत्पादों और सेवाओं की बिक्री की जाती है।
2016 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 51 फीसदी करेगी। लेकिन रणनीतिक विनिवेश नहीं होने के बाद अब एलआईसी इसमें हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार को आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक बिक्री में सहयोग करने वाली एसबीआई कैप्स ने पिछले साल सुझाव दिया था कि मौजूदा बाजार के हालात में रणनीतिक विनिवेश करना सही नहीं होगा।
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