'50 अरब डॉलर के पार हो द्विपक्षीय व्यापार' | रॉयटर्स / नई दिल्ली July 10, 2018 | | | | |
भारत और दक्षिण कोरिया ने आज 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार बढ़ाना और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार का आंकड़ा 5,000 करोड़ डॉलर के पार ले जाना है। कोरिया की नामचीन कंपनियां सैमसंग और हुंडई भारत में घर-घर में पहचानी जाती हैं और भारत दौरे पर आए दक्षिण कोरियाई राष्टï्रपति मून जे इन को उम्मीद है कि दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजार भारत में उनके देश की छोटी कंपनियां भी इसी तरह से सफल हो सकती हैं।
चार दिन के अपने भारत दौर के तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मून ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि कोरिया की और भी कंपनियां भारत में निवेश करेंगी ताकि परस्पर समृद्घि की बुनियाद को और अधिक मजबूत किया जा सके।' दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2017-18 में लगभग एक चौथाई बढ़कर 2,080 करोड़ डॉलर का हो गया। इसमें कोरिया की हिस्सेदारी करीब 1,640 करोड़ डॉलर रही। दोनों देशों के बीच जो समझौते हुए हैं, उनमें 2009 में हुए 'समग्र आर्थिक व्यापार समझौते' को आगे बढ़ाने के लिए बातचीत तेज करने की बात भी शामिल है। साथ ही रेलवे, स्वास्थ्य, दूरसंचार और साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के लिए भी समझौते किए गए हैं।
उन्होंने अन्य देशों में विकास के लिए त्रिपक्षीय साझेदारी की गुंजाइश तलाशने पर भी सहमति जताई। इसकी शुरुआत अफगानिस्तान में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के साथ होगी। भारत के अफगानिस्तान के साथ पहले से ही घनिष्ठï संबंध हैं और युद्घ में उजड़े उस देश को फिर खड़ा करने में वह मदद कर रहा है। मून और मोदी ने दिल्ली से सटे नोएडा में कल सैमसंग के एक कारखाने का उद्घाटन किया था।
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