राजकोषीय घाटा 3.54 लाख करोड़ | अरूप रायचौधरी / नई दिल्ली June 29, 2018 | | | | |
वित्त वर्ष 2018-19 के पहले दो महीने में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 3.45 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह पूरे साल के राजकोषीय घाटे के सरकार के लक्ष्य का 55 प्रतिशत है। पूंजीगत खर्च बढऩे की वजह से ऐसा हुआ है। बहरहाल पिछले वित्त वर्ष की तुलना में खर्च की रफ्तार सुस्त रही है, जब अप्रैल मई 2017 में राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 68.3 प्रतिशत हो गया था। 2018-19 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.24 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'अप्रैल मई 2018 में राजकोषीय घाटा स्वागत योग्य है, जो अप्रत्यक्ष कर और गैर कर राजस्व में तेज बढ़ोतरी की वजह से साल दर साल कम हो रहा है और इससे साल के शुरुआती महीनों में पूंजीगत व्यय बढ़ाने में मदद मिल रही है।' अप्रैल मई 2018 में शुद्ध कर राजस्व 1.02 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पूरे साल के लक्ष्य का 6.9 प्रतिशत है। यह वित्त वर्ष 2017-18 के पहले जो महीने में लक्ष्य का 5.5 प्रतिशत था। गैर कर राजस्व 240 अरब रुपये या पूरे साल के लक्ष्य का 9.8 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में लक्ष्य का 5.3 प्रतिशत था।
31 मई तक कुल व्यय 4.73 लाख करोड़ रुपये था, जो पूरे साल के लक्ष्य का 19.4 प्रतिशत है। यह पिछले साल की समान अवधि में लक्ष्य का 21.4 प्रतिशत था। राजस्व व्यय 4.09 लाख करोड़ रुपये या 19 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल की समान अवधि मेंं लक्ष्य का 21 प्रतिशत था। पूंजीगत व्यय 628 अरब रुपये था, जो पूरे साल के लक्ष्य का 21.3 प्रतिशत है। यह पिछले साल की समान अवधि के दौरान पूरे साल के लक्ष्य का 17 प्रतिशत था। नायर ने कहा, 'अप्रैल मई 2018 में राजस्व व्यय में स्थिरता आंशिक रूप से 2017 के समान महीने में हुए खर्च की वजह से नजर आ रही है, जो केंद्रीय बजट समय से पहले पेश किए जाने से हो रहा है। इसके अलावा सब्सिडी पर होने वाला खर्च भी घटा है।'
इसके पहले बिजनेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि केंद्र सरकार को खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर कम खर्च करना पड़ेगा क्योंकि पिछले साल का अधिशेष है। नैयर ने कहा, 'राजस्व व्यय में स्थिरता के विपरीत पूंजीगत व्यय में इस वित्त वर्ष के पहले 2 महीने में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान राज्यों को हस्तांतरण, रक्षा, सड़कों, रेलवे पर व्यय बढ़ा है।'
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