डिजिटल इंडिया से खत्म हुए बिचौलिये: मोदी | किरण राठी / June 15, 2018 | | | | |
डिजिटल इंडिया को काला धन और बिचौलियों के खिलाफ एक जंग बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह योजना रोजगार के मौके तैयार करने में सक्षम रही है और देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को तकनीक का लाभ मिल रहा है। 1 जुलाई 2015 को शुरू की गई डिजिटल इंडिया योजना नरेंद्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। मोदी सरकार ने सेवाओं की डिजिटल डिलिवरी पर जोर दिया है क्योंकि उनका मानना है कि ऑनलाइन प्रणाली से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है।
सरकार यह कहते हुए गर्व का अनुभव करती हैं कि जाम (यानी जनधन, आधार और मोबाइल) की वजह से करीब 900 अरब रुपये की बचत हो सकती है। डिजिटल इंडिया पहल के विभिन्न लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बातचीत करते हुए मोदी ने कहा कि डिजिटल भुगतान से सीधे तौर पर बिचौलिये की भूमिका खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा, 'हमें डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाना है। बिचौलिये डिजिटल इंडिया की वजह से परेशान हैं। हम डिजिटल इंडिया के जरिये अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर सकते हैं।' मोदी ने करीब 1.5 घंटे तक लाभार्थियों से बातचीत की जिनमें सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) चलाने वाले ग्रामीण स्तर के उद्यमी, ग्रामीण बीपीओ में काम करने वाले लोग, मनरेगा के कामगार भी शामिल थे।
मोदी ने कहा कि जब उन्होंने डिजिटल भुगतान की बात की तब लोगों ने उनका मजाक उड़ाया लेकिन डिजिटल भुगतान की वजह से ही लोगों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है और बिचौलिये की भूमिका खत्म हो गई है। यमुना नगर के एक लाभार्थी ने कहा कि भुगतान के लिए भीम ऐप के इस्तेमाल से उनकी जिंदगी आसान हो गई है। बेशक डिजिटल भुगतान से अर्थव्यवस्था ज्यादा पारदर्शी हुई है क्योंकि इसके जरिये गरीब लोगों के खाते में सीधे सब्सिडी मिलती है। मोदी ने कहा, 'अब राशन के लिए किसी बिचौलिये की जरूरत नहीं है। गरीबों को उनकी मेहनत की पूरी कमाई सीधे उनके बैंक खाते में मिलेगी। जब गांव के गरीब किसानों ने डिजिटल भुगतान को अपनाना शुरू कर दिया है तो बिचौलिये अब नए-नए अफवाह उड़ा रहे हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया की वजह से कई लोगों के हित प्रभावित हो रहे हैं जिसकी वजह से वे इस योजना के खिलाफ झूठी बातें फैला रहे हैं। मोदी ने कहा, 'ऐसे लोगों को जो भी मंच मिलेगा वहां से वे इसकी आलोचना करते रहेंगे लेकिन हमें अपने देश को दुनिया में आगे ले जाना है।' मोदी ने कहा कि लाभार्थियों को व्यापारियों और दुकानदारों पर दबाव डालना चाहिए कि वे भीम ऐप इंस्टॉल करें ताकि वस्तुओं और सेवाओं का डिजिटल भुगतान सुगम हो सके। उन्होंने 'रुपे कार्ड' के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जो क्रेडिट/डेबिट कार्ड का स्थानीय संस्करण है। उनका कहना था कि दूसरे अन्य कार्ड का इस्तेमाल करने से ट्रांजेक्शन और प्रोसेसिंग फीस विदेशी कंपनियों को मिलती है। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त करीब 50 करोड़ 'रुपे कार्ड' हैं। प्रधानमंत्री ने छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने में सामान्य सेवा केंद्र और ग्रामीण बीपीओ की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीपीओ योजना से रोजगार के दो लाख मौके तैयार हुए हैं।
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