भारत में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट लाएगी फिलिप मॉरिस! | |
रॉयटर्स / 06 07, 2018 | | | | |
दुनिया की अग्रणी सिगरेट निर्माता कंपनी फिलिप मॉरिस इंटरनैशनल ने 'सामान्य धूम्रपान से तौबा करने में मददगार' अपने इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद (आईक्यूओएस) को भारतीय बाजार में भी उतारने के लिए मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। तंबाकू उत्पादों के सेवन करने वालों की दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी भारत में ही है। ऐसे में फिलिप मॉरिस भारत को अपने लिए काफी संभावनाशील बाजार के तौर पर देख रही है। भारत में करीब 10.6 करोड़ लोग सिगरेट-बीड़ी का सेवन करते हैं जो चीन के बाद सर्वाधिक है। कंपनी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पेन के आकार वाला आईक्यूओएस उपकरण देखने में भले ही सिगरेट की तरह लगे लेकिन उसमें रखा तंबाकू जलता नहीं है, केवल गर्म होता है।गर्म होने पर उसमें रखा तंबाकू निकोटिन से आच्छादित भाप छोड़ता है जिसके शरीर के भीतर जाने पर धूम्रपान की तलब शांत हो जाएगी।
फिलिप मॉरिस ने इस उपकरण को 'सामान्य सिगरेट की तुलना में कम नुकसानदेह' बताते हुए अमेरिकी नियामक संस्था एफडीए से इसकी मार्केटिंग की इजाजत मांगी थी। गत जनवरी में एफडीए के सलाहकारों ने कहा था कि आईक्यूओएस से उपभोक्ता हानिकारक रसायनों के संपर्क में कम आता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इससे तंबाकू जनित बीमारियों या मौतों में कोई कमी आएगी। बहरहाल फिलिप मॉरिस ने भारत में अपने इस उपकरण के पक्ष में लामबंदी की तैयारियां तेज कर दी हैं। एक सूत्र ने बताया कि मीडिया एवं नियामकों के समक्ष अपनी बात रखने के साथ ही कंपनी आईक्यूओएस की ब्रांडिंग और कीमत की भी दिशा में काम करेगी। इन रणनीतियों को अमलीजामा पहनाने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की भी कोशिशें चल रही हैं।
एक अन्य सूत्र ने कहा, 'कंपनी लोगों के बीच आईक्यूओएस को कम हानिकारक उत्पाद के तौर पर पेश करना चाहती है और उसके लिए एक रणनीति बनाकर चलना चाहती है।' इस दिशा में आगे बढऩे के पहले कंपनी एक जनसंपर्क रणनीति भी तैयार कर लेना चाहती है। वैसे भारत में तंबाकू एवं सिगरेट सेवन की वजह से मरने वाले लोगों की बड़ी संख्या को देखते हुए सरकार लगातार सख्त अपनाए हुए है। वह सिगरेट कंपनियों को डिब्बों पर नुकसान के खतरे बताने वाली बड़ी तस्वीरें लगाने के लिए मजबूर कर चुकी है। इसके अलावा सिगरेट पर कर भी लगातार बढ़ाए जाते रहे हैं। ऐसे में फिलिप मॉरिस के लिए भारत सरकार की मंजूरी हासिल करना आसान नहीं होगा।
वैसे एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि धूम्रपान छोडऩे में लोगों की मदद करने वाले किसी उत्पाद के सिलसिले में अगर फिलिप मॉरिस सरकार से संपर्क करती है तो खुले दिमाग से विचार किया जाएगा। लेकिन उस अधिकारी ने यह भी साफ कर दिया कि नुकसानदेह पाए जाने पर उन्हें प्रतिबंधित भी किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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