सरकारी बैंकों में नहीं बढ़ेंगे महाप्रबंधक | |
सोमेश झा / नई दिल्ली 05 24, 2018 | | | | |
कई साल में पहली बार सरकार ने फैसला किया है कि सरकारी बैंकों (पीएसबी) में महाप्रबंधक (जीएम) स्तर के पद नहीं बढ़ाए जाएंगे। वित्तीय मामलों के विभाग द्वारा हाल में की गई समीक्षा के बाद 19 सरकारी बैंकों को पत्र (16 मई की तिथि वाला) भेजा गया है, जिसके मुताबिक जीएम पदों की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी। इसमें कहा गया है, 'इस मसले पर विचार कर फैसला किया गया है।' 2016 में सरकार ने सरकारी बैंकों में जीएम की अधिकतम संख्या बढ़ाकर 465 करने का फैसला किया गया था, जो 2013 और 2011 में क्रमश: 442 और 420 तय किया गया था।
वित्त मंत्रालय ने सीमा तय करने के लिए बैंक के कारोबार के आधार पर फार्मूला तैयार किया है, जिसके मुताबिक सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा मार्च 2017 के आखिर के प्रदर्शन के आधार पर की गई। मौजूदा दिशानिर्देशों के मुताबिक जिन बैंकों का सालाना कारोबार 1.6 लाख करोड़ रुपये तक है, वे 12 जीएम रख सकते हैं। अगर सरकारी बैंक का कारोबार 1.6 से 4 लाख करोड़ रुपये तक का कारोबार है तो वे प्रति 200 अरब रुपये कारोबार पर एक अतिरिक्त जीएम रख सकते हैं। अगर कारोबार 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है तो हर 280 अरब रुपये कारोबार पर एक अतिरिक्त जीएम की भर्ती हो सकती है। इस तरह से सबसे ज्यादा 46 भर्ती बैंक आफ बड़ौदा में हो सकती है। इसके बाद पंजाब नैशनल बैंक (41), बैंंक आफ इंडिया (41), केनरा बैंंक (39) और यूनियन बैंंक आफ इंडिया में 30 भर्तियां हो सकती हैं।
यह दिशानिर्देश 10 सरकारी बैंकों पर लागू होंगे, जिन्हें बैंकिंग कंपनीज (एक्विजिशन ऐंड ट्रांसफर आफ अंडरटेकिंग) ऐक्ट 1970 के तहत 'राष्ट्रीयकृत बैंक' कहा गया है। भारतीय स्टेट बैंक और आईडीबीआई बैंक का परिचालन अलग कानून से होता है और ये इसमें नहीं आते।
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