नए मेहमानों को आकर्षित करने के मामले में विदेशी सोशल नेटवर्किंग साइटों ने घरेलू खिलाड़ियों को काफी पीछे छोड़ दिया है। ऑरकुट, फेसबुक और हाई 5 जैसे विदेशी नेटवर्किंग साइटों ने साल भर में करीब 1.2 करोड़ नए ग्राहकों को जोड़ने में कामयाबी हासिल की। दूसरी ओर घरेलू साइटें जैसे इबिबो, बिगअड्डा इस दौर में काफी पीछे छूट गई हैं। वास्तव में पिछले साल दिसंबर में तो इन देसी साइटों की तुलनात्मक विकास दर नकारात्मक रही। डिजीटल वर्ल्ड का आंकड़ा इकट्ठा करने वाली अमेरिकी एजेंसी कॉमस्कोर इंक के मुताबिक इन साइटों पर 14 लाख नए ग्राहकों ने दस्तक दी। अध्ययन के मुताबिक, भारत में दिसंबर 2007 के मुकाबले दिसंबर 2008 में सोशल नेटवर्किंग साइटों के ट्रैफिक में 51 फीसदी का उछाल आया। इस दौरान इसकी वजह से 10 ऐसी वेबसाइटों के उपभोक्ताओं में 1.9 करोड़ की वृद्धि हुई। कॉमस्कोर के अध्ययन के मुताबिक, ''दिसंबर 2008 में ऑरकुट को सबसे ज्यादा लोगों ने इस्तेमाल किया। इस महीने करीब 1.29 करोड़ लोग ऑरकुट का इस्तेमाल कर रहे थे। इस तरह दिसंबर 2007 की तुलना में इसके ग्राहकों की तादाद में 81 फीसदी का उछाल आया। ऑरकुट उपभोक्ताओं की संख्या अभी अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी फेसबुक की करीब तिगुनी है। दूसरे नंबर पर मौजूद फेसबुक के पास 40 लाख उपभोक्ता हैं।'' जहां तक सबसे तेज तरक्की की बात है तो इस मामले में हाई5डॉटकॉम सबसे आगे रही। इसके ग्राहकों की संख्या में कोई 182 फीसदी का उछाल आया। दिसंबर 2008 में इसके उपभोक्ताओं की संख्या 20 लाख रही। घरेलू साइटों में इबिबो के यूजरों की संख्या में 50 फीसदी की गिरावट देखी गई। रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी की बिगअड्डा की विकास दर भी 25 फीसदी नकारात्मक रही। जानकारी के मुताबिक, कई घरेलू सोशल नेटवर्किंग साइटों ने विज्ञापनों पर 60 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। इसके बावजूद होड़ मे ये फिसड्डी साबित हुए। इन साइटों पर समय बिताने के लिहाज से एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में भारत का स्थान दस देशों में सातवां रहा है। दिसंबर 2008 में एक भारतीय ने इन साइटों पर औसतन 110 मिनट बिताए। हालांकि इस दौरान दक्षिण कोरिया के लोगों ने सबसे ज्यादा 277 मिनट इन साइटों पर बिताए।
