वीजा पावर से बकाया वसूलने की तैयारी | |
वीणा मणि और श्रेया जय / नई दिल्ली 04 26, 2018 | | | | |
सरकारी कंपनी बीएचईएल और अग्रणी बुनियादी ढांचा कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) समेत ठेके लेने वाली तीन कंपनियों ने समाधान पेशेवर से कहा है कि वे वीजा पावर से अपने 20 अरब रुपये वसूलना चाहती हैं। वीजा पावर दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही है। वीजा पावर ने सरकारी कंपनी बीएचईएल को बॉयलर जनरेशन के निर्माण का ठेका दिया था, जबकि एलऐंडटी ने विद्युत संयंत्र के निर्माण की निविदा हासिल की थी। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने वीजा पावर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया की याचिका दायर की है। इस याचिका को एनसीएलटी ने दिसंबर, 2017 में स्वीकार कर लिया। ग्यारह ऋणदाताओं के एक समूह का कंपनी पर 19 अरब रुपये का बकाया है। हालांकि वीजा पावर के समाधान का कामकाज संभाल रही टीम ने इस बात पर चिंता जताई है कि कंपनी की बिक्री से इतनी राशि नहीं मिलेगी, जिससे ठेका लेने वाली इन कंपनियों के बकाये का भुगतान किया जा सके। दिवालिया कानून के मुताबिक कंपनी की बिक्री से मिलने वाली धनराशि पर पहला हक वित्तीय ऋणदाताओं का है। परिचालन ऋणदाताओं का इसके बाद नंबर आता है।
सूत्रों ने भी कहा कि बहुत से खरीदारों की अनौपचारिक रुचि तब खत्म हो गई, जब उन्हें यह पता चला कि वीजा पावर की परियोजना अधूरी है। एक सूत्र ने कहा कि समाधान पेशेवरों को उम्मीद है कि परियोजना को पूरी करने की लागत की रिपोर्ट आने के बाद कुछ बोलीदाता आगे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगल कंपनी को कोई खरीदार मिल भी जाता है तो बैंकों को अपने बकाये की तुलना में काफी कम राशि लेकर संतोष करना होगा। कंपनी की छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में 1,200 मेगावाट की बिजली परियोजना ईंधन आपूर्ति के अभाव और धीमे निर्माण के कारण शुरू नहीं हो पाई है। ताप विद्युुत उत्पादकों को कम मांग का सामना करना पड़ रहा है, जबकि खरीदार नियामकीय अड़चनों में फंसे हुए हैं।
वीजा पावर ने 1,200 मेगावॉट का विद्युत संयंत्र बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ 2007 में एक समझौता किया था। वर्ष 2008 में केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने कंपनी को अपने प्रस्तावित विद्युत संयंत्र के लिए फतेहपुर पूर्वी कोयला खंड आवंटित किया था, जिसमें 9.9 करोड़ टन का भंडार है। हालांकि यह खंड उन 218 कोयला खंडों में से एक था, जिनका आवंटन अगस्त 2014 में उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया। तब से वीजा पावर कोयला आपूर्ति की व्यवस्था नहीं कर पाई है। वर्ष 2016 में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की ताप विद्युत संयत्रों पर स्थिति रिपोर्ट में कहा गया था कि वीजा विद्युत परियोजना की पहली इकाई 2017 में चालू होगी। प्राधिकरण ने जनवरी, 2018 की रिपोर्ट में संयंत्र की स्थिति को बदलकर 'अनिश्चित' कर दिया है।
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