संस्थागत ग्राहकों को लुभाने की तैयारी में मारुति | |
शैली सेठ मोहिले / मुंबई 04 05, 2018 | | | | |
► संस्थागत ग्राहकों को बेहतर तरीके से आकर्षित करने के मद्देनजर एक विशेष कारोबारी मॉडल तैयार कर रही कंपनी
► इस वित्त वर्ष के अंत तक नए बिक्री चैनल को लॉन्च कर सकती है मारुति सुजूकी
कार बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया संस्थागत ग्राहकों को बेहतर तरीके से आकर्षित करने के मद्देनजर एक विशेष कारोबारी मॉडल तैयार कर रही है। इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने बताया कि कंपनी एक अलग बिक्री चैनल स्थापित करने और शुरू से अंत तक यानी आद्योपांत समाधान उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। इसके तहत बिक्री एवं सर्विस से लेकर बीमा एवं वित्त तक सभी सेवाएं एक साथ उपलब्ध कराई जाएगी।
कंपनी इस वित्त वर्ष के अंत तक औपचारिक तौर पर नए बिक्री चैनल को लॉन्च करने की उम्मीद कर रही है। यह नेक्सा और ट्रू वैल्यू के बाद कंपनी का अगला बड़ा रणनीतिक कदम होगा। इस मामले से अवगत एक व्यक्ति कहा कि ओला और उबर जैसी ऐप आधारित राइड-हेलिंग कंपनियों द्वारा कार उपयोगिता पैटर्न में उथल-पुथल के मद्देनजर कंपनी ने यह पहल की है। फिलहाल मारुति अपने संस्थागत खरीदारों को एक समर्पित टीम के जरिये सेवाएं उपलब्ध कराती है जो ऐसे खरीदारों को विशेष पैकेज की पेशकश करती है। उस व्यक्ति ने कहा, 'नए चैनल के जरिये कंपनी को ऐसे ग्राहकों से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी।'
मारुति सुजूकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी केनिची आयुकावा ने कहा, 'हम ऐसी एक योजना पर विचार कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि कंपनी बाजार में उथल-पुथल मचाने वाली प्रवृत्तियों का गंभीरतापूर्वक अध्ययन कर रही है। आयुकावा ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा, 'यह केवल बिक्री के लिए नहीं हो सकता बल्कि हमें पूरे कारोबारी मॉडल पर ध्यान देना होगा।'
शुरुआत में मारुति रीब्रांडिंग करेगी और संस्थागत खरीदारों के लिए अपने पिक-अप ट्रक व सुपर कैरी के मौजूदा नेटवर्क का इस्तेमाल करेगी। फिलहाल कंपनी के पास 159 शहरों में 190 आउटलेट का नेटवर्क है। इस मामले से अवगत व्यक्ति ने कहा, 'वाणिज्यिक बिक्री के लिए यात्री वाहन श्रेणी से अतिरिक्त बिक्री होगी जो डीलरों के लिए कहीं अधिक व्यावहारिक होगी।'
ऐप आधारित राइड-हेलिंग टैक्सी बाजार में तेजी से विस्तार हो रहा है जिससे कार उपयोगिता पैटर्न में काफी बदलाव हुआ है। ऐसे में लोग अब व्यक्तिगत स्वामित्व के बजाय साझा अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इससे वाहन विनिर्माताओं को एक साथ खतरा और अवसर दोनों दिख रहे हैं। बाजार अनुसंधान एवं बिक्री अनुमान जारी करने वाली फर्म आईएचएस मार्किट के आकलन के अनुसार, यात्री कार श्रेणी में हर साल करीब 1 लाख वाहनों की बिक्री होती है जो बढ़कर 2030 तक सालाना 8 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।
लेकिन मारुति की नजर केवल ओला, उबर अथवा अन्य ऐसी कंपनियों को कार बेचने से कहीं आगे है। कंपनी कैब एग्रीगेटर बाजार से संबंधित पूरी मूल्य शृंखला पर ध्यान केंद्रित करते हुए बाजार में अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलना चाहती है। इसके तहत वह अपने खरीदारों को बीमा, फाइनैंस, कलपुर्जे और बिक्री के बाद की सर्विसिंग के अलावा पट्टे पर कार देने की भी रणनीति बना रही है। पट्टïे पर कार देने के विकल्प से उन ड्राइवरों को राहत मिलेगी जिन्हें कैब एग्रीगेटरों द्वारा कमीशन बढ़ाए जाने के कारण किस्तों के भुगतान में परेशानी हो रही है।
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