रक्षोपाय महानिदेशालय (डीजीएस) ने जुबिलिएंट फूड वर्क्स पर मुनाफाखोरी को लेकर नोटिस दिया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने डोमिनोज पिज्जा स्टोर पर जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया। एक सूत्र ने कहा कि स्थाई समिति ने मामले को डीजीएस के पास भेजा। महानिदेशालय ने जुबिलिएंट फूड वर्क्स को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि क्या नवंबर में कर दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को दिए गए।
जीएसटी में मुनाफारोधी व्यवस्था के तहत स्थानीय प्रकृति की शिकायतों को पहले राज्य स्तरीय निगरानी समिति को भेजा जाता है, जबकि राष्ट्रीय स्तर के मामले स्थाई समिति को भेजे जाते हैं। सूत्र ने कहा, जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किए जाने के बाद डोमिनोज पिज्जा की तरफ से अधिक शुल्क लिए जाने को लेकर स्थाई समिति में दो ग्राहकों की तरफ से शिकायतें थी।
ई-मेल के जवाब में जुबिलिएंट फूड वर्क्स ने कहा, हम अभी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हम किसी कहानी में शामिल होने की स्थिति में नहीं हैं। जीएसटी परिषद ने सभी रेस्त्राओं के लिए शुल्क में कटौती की थी और इसे पांच प्रतिशत कर दिया था। हालांकि, इसमें वे रेस्त्रां शामिल नहीं हैं जो होटल के भीतर स्थित हैं और कमरों का किराया 7,500 रुपये और उससे ऊपर हैं। इस कटौती से पहले एयर कंडीशन रेस्त्रां पर 18 प्रतिशत तथा बिना एयर कंडीशन वाले रेस्त्रां के मामले में 12 प्रतिशत शुल्क का प्रावधान था।
सूत्रों के अनुसार, 1 जुलाई से जीएसटी के लागू होने के बाद जुबिलिएंट फूड वर्क्स समेत 15 मुनाफोखोरी नोटिस दिए। उसने बताया, जुबिलिएंट फूड वर्क्स ने नोटिस का जवाब दे दिया है। हम जवाब को देख रहे हैं तथा जरूरत पड़ने पर और सवाल भेजे जाएंगे। दस्तावेजों को देखने के बाद डीजीएस अपनी रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए मुनाफारोधी प्राधिकरण को देगा। इसमें जुर्माना तथा पंजीकरण रद्द करने जैसे कदम शामिल हैं। डीजीएस को मामले की जांच तीन महीने के भीतर पूरी करनी है और स्थाई समिति से तीन महीने का और समय मांग सकती है।