रामदेव का स्वदेशी कार्ड पर जोर, आईपीएल से बनाई दूरी | विवेट सुजन पिंटो / March 30, 2018 | | | | |
योग गुरु बाबा रामदेव ने पिछले कई वर्षों में शुद्घ स्वदेशी लेबल के तहत पतंजलि ब्रांड के उत्पादों का विस्तार किया है। चाहे इस ब्रांड द्वारा किए जाने वाले विज्ञापन हों, या वैश्विक ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धी मुकाबला हो, इस राष्ट्रीय ब्रांड ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों की पैठ कमजोर बनाने की लगातार कोशिश की है। यह रणनीति काफी हद तक कारगर भी साबित हुई है और इसकी मदद से पतंजलि 2016-17 में 100 अरब रुपये की शुद्घ बिक्री वाली कंपनी बन गई है। हालांकि जब हाल ही में 52 वर्षीय योग गुरु ने यह घोषणा की कि वह दो महीने चलने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से दूरी बनाने जा रहे हैं, क्योंकि वह 'विदेशियों के गेम' के साथ जुडऩा नहीं चाहते, तो मुश्किल से ही आईपीएल प्रशंसक और विज्ञापनदाता आधार में किसी तरह की बेचैनी देखने को मिली। अब सवाल उठता है कि क्या यह घोषणा जल्दबाजी में या भूलवश की गई थी या फिर पतंजलि ब्रांड को सुर्खियों में बनाए रखने का महज एक सोचा-समझा तरीका था?
आईपीएल 7 अप्रैल को शुरू हो रहा है और यह हाल के वर्षों में देश के एडवरटाइङ्क्षजंग कैलेंडर पर सबसे बड़ी इवेंट में से एक के तौर पर उभरा है। इस साल भी स्थिति अलग रहने की संभावना नहीं है। टूर्नामेंट का आधिकारिक टेलीविजन और डिजिटल प्रसारक स्टार इंडिया पहले ही यह घोषणा कर चुका है कि 34 ब्रांडों ने आईपीएल के टीवी और डिजिटल प्रसारण के लिए वाणिज्यिक भागीदारों के तौर पर हस्ताक्षर किए हैं। जहां आईपीएल की टाइटल प्रायोजक वीवो इस टूर्नामेंट के लिए कोका-कोला और रिलायंस जियो (स्टार के चैनलों पर) के साथ को-प्रजेंटिंग प्रायोजक होगी, वहीं पारले प्रोडक्ट्ïस, मेकमाइट्रिप डॉटकॉम, एशियन पेंट्ïस, पॉलिकैब, विमल पान मसाला, एएमएफआई और ड्रीम 11 सहायक प्रायोजक हैं।
उद्योग के अनुमानों में को-प्रजेंटिंग प्रायोजकों द्वारा 70-80 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है, जबकि सहायक प्रायोजकों ने लगभग 40 करोड़ रुपये की रकम खर्च की है। मीडिया उद्योग के सूत्रों का कहना है कि स्टार इंडिया ने स्वयं के लिए इस साल के लिए आईपीएल के लिए लगभग 20 अरब रुपये का लक्ष्य रखा है। स्टार ने 164.38 अरब रुपये की बोली कीमत के साथ पांच साल के लिए आईपीएल के वैश्विक मीडिया अधिकार हासिल किए हैं। इस आयोजन के आकार और इसके द्वारा हासिल की गई दर्शक संख्या को देखते हुए कुछ विज्ञापनदाता इससे दूर रहना चाहेंगे। खासकर पतंजलि, जो टेलीविजन दर्शक आकलनकर्ता एजेंसी बीएआरसी द्वारा 2017 के लिए प्रकाशित शीर्ष 10 विज्ञापनदाताओं की सूची में शीर्ष पर रही है। पतंजलि न सिर्फ एक बड़ी विज्ञापनदाता रही है बल्कि वह स्थानीय स्पोट्ïर्स टूर्नामेंटों (कबड्डïी और कुश्ती) की प्रायोजक भी रही। इसलिए यह संभव है कि ब्रांड अपनी पहचान गंवाना नहीं चाहेगा। विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि यह आईपीएल से दूर रहने का एक कारण हो सकता है, लेकिन शायद रामदेव ने खुद से यह सवाल किया होगा कि क्या आईपीएल पतंजलि में कोई बड़ा बदलाव लाएगा।
अब सवाल उठता है कि क्या उनकी (पतंजलि) की अनुपस्थिति का आईपीएल पर प्रभाव पड़ेगा? मीडिया और विज्ञापन विश्लेषकों का कहना है कि आईपीएल एक मजबूत और लोकप्रिय आयोजन है और पतंजलि जैसी बड़ी कंपनियों के बगैर भी प्रायोजकों और विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करने में सक्षम है। हरीश बिजूर कंसल्ट्ïस के मुख्य कार्याधिकारी हरीश बिजूर कहते हैं, 'हां, पतंजलि एक बड़ा ब्रांड है। लेकिन आयुर्वेदिक उपभोक्ता उत्पादकों को आईपीएल जैसे प्लेटफॉर्म की ज्यादा जरूरत नहीं हैं।'
स्टार स्पोट्ïर्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं विज्ञापन बिक्री प्रमुख अनिल जयराज के बयान में कहा गया है कि विज्ञापनदाताओं से टूर्नामेंट के प्रति दिलचस्पी काफी मजबूत रही है। उन्होंने कहा, 'ब्रांड एक मार्केटिंग माध्यम के तौर पर आईपीएल के चयन पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि यह उनके व्यावसायिक उद्देश्यों और इच्छाओं को पूरा कर सकता है।' जयराज ने यह भी कहा कि टूर्नामेंट का हिस्सा रहे ब्रांडों को पिछले वर्षों में निवेश बढ़ाने के लिए चुना गया था। हर साल आईपीएल का आयोजन करने वाले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी इस साल टूर्नामेंट के लिए कुछ प्रायोजकों के साथ अलग से समझौते किए हैं। बीसीसीआई ने आईपीएल के लिए टाटा मोटर्स के साथ तीन वर्षीय प्रायोजन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह प्रायोजन वाहन निर्माता कंपनी को सभी मैचों में स्टेडियम में अपने नए नेक्सॉन स्पोटï्र्स यूटिलिटी वाहन को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाएगी। बीसीसीआई ने आईपीएल के लिए, भारतीय क्रिकेट की टाइटल प्रायोजक पेटीएम के साथ भी अपनी भागीदारी की है। क्रिकेट बोर्ड ने घोषणा की कि यह मोबाइल वॉलेट कंपनी अगले पांच साल के लिए आधिकारिक रूप से अंपायर पार्टनर होगी।
विश्लेषकों का कहना है कि रामदेव द्वारा शुरू की गई इस लड़ाई में कोई भी नुकसान की स्थिति में नहीं है। जहां आईपीएल के आयोजक टूर्नामेंट की तारीखें नजदीक आते आते स्लॉट भरने के लिए अपनी कोशिशें तेज करेंगे, वहीं ब्रांड भी विज्ञापन दरों में प्रत्याशित तेजी को मात देने के लिए जल्द से जल्द दांव लगाना पसंद करेंगे। वहीं पतंजलि उपभोक्ता वस्तु बाजार में अपनी आक्रामक पैठ को और मजबूत बनाने में सफल रहेगी। फरवरी में जारी पिच मैडिसन एडवरटाइजिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि पतंजलि अपनी आक्रामक विपणन और ब्रांड कम्युनिकेशन की वजह से भारत में 10 पायदान चढ़कर विज्ञापनदाताओं की सूची में शीर्ष पांचमें जगह बनाने में कामयाब रही है। रिपोर्ट में कंपनी का सालाना विज्ञापन बजट 5-6 अरब रुपये रहने का अनुमान जताया गया है और वह टेलीविजन का इस्तेमाल खासकर अपने घरेलू कारोबार के प्रचार के लिए कर रही है।
रामदेव स्वयं यह स्वीकार कर चुके हैं कि वितरण के अलावा यह विज्ञापन पहल ही थी जिससे उनके आयुर्वेदिक ब्रांड को बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) के दबदबे वाले बाजार में अपनी बढ़त बनाने में मदद मिली। योग गुरु ने एक बार विज्ञापन की अपनी आक्रामक स्टाइल के बारे में स्पष्टï रूप से कहा था, 'यही एक रास्ता है जिसके जरिये मैं एमएनसी से मुकाबला कर सकता हूं और लोगों को यह समझा सकता हूं कि क्या उनका अपना है। इसी भावना के साथ मैंने विज्ञापनों का सहारा लिया और में बार बार इस बात को स्पष्टï करता हूं और दोहराता हूं।'
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