सेवानिवृत्त कर्मियों को नहीं मिलेगा आधिकारिक ई-मेल | किरण राठी / March 01, 2018 | | | | |
सरकारी तंत्र के इलेक्ट्रॉनिक ढांचे की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा आधिकारिक ई-मेल के उपयोग पर रोक लगा सकती है। सरकार के लिए सूचना तकनीक ढांचे का प्रबंधन करने वाली संस्था राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एनआईसी) सेवा-मुक्त कर्मचारियों के व्यक्तिगत और सार्वजनिक डेटा में अंतर करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का प्रयोग करेगी। सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने व्यक्तिगत डेटा का परिचालन कर पाएंगे लेकिन सार्वजनिक डेटा उनकी पहुंच से बाहर होंगे।
वर्तमान में एक कर्मचारी यदि 20 वर्ष या अधिक की नौकरी के बाद सेवानिवृत्त होता है तो वह कार्यकाल के दौरान प्रयोग की गई ई-मेल आईडी का प्रयोग अगले एक वर्ष तक कर सकता है। इसके बाद उन्हें पहले के ही यूजर नेम के साथ लेकिन अलग डोमेन की नई ई-मेल आईडी जीवन भर के लिए दे दी जाती है। हालांकि, कई मामलों में ऐसा भी हुआ है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी को वर्तमान में चल रही योजनाओं से संबंधित ई-मेल मिले हैं। शायद ऐसा गलती से हुआ हो लेकिन इससे जानकारी की गोपनीयता प्रभावित हो सकती है। निजी क्षेत्र में नौकरी छोडऩे या सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारियों से आधिकारिक ई-मेल आईडी ले ली जाती है। हालांकि सरकारी क्षेत्र में ऐसा नहीं है, क्योंकि यहां नौकरी बदलना बहुत कम होता है और सामान्यत: सेवानिवृत्ति पर ही लोग नौकरी छोड़ते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत बातचीत के लिए भी आधिकारिक ई-मेल का प्रयोग करते हैं और यह उनसे ऑनलाइन तरीके से जुडऩे का प्राथमिक माध्यम बन जाता है। अधिकारी ने बताया, 'कई वर्ष तक ई-मेल आईडी का उपयोग करने के कारण उसमें काफी मात्रा में व्यक्तिगत डेटा भी जमा हो जाता है। इस डेटा को अलग-अलग करने के लिए हम एआई का प्रयोग करने पर विचार कर रहे हैं।' एनआईसी कर्मचारियों को दो तरह की ई-मेल आईडी देता है, एक पदनाम आधारित और दूसरी व्यक्ति के नाम पर आधारित। पदनाम आधारित आईडी का उपयोग केवल आधिकारिक काम के लिए होना चाहिए, जबकि नाम आधारित ई-मेल आईडी का उपयोग आधिकारिक और व्यक्तिगत, दोनों तरह के काम के लिए कर सकते हैं।
सरकार अगले कुछ महीनों में 50 लाख कर्मचारियों के लिए एक ई-मेल सेवा लॉन्च करने जा रही है, जिससे विभिन्न विभागों के बीच बातचीत की सुरक्षा बढ़ाई जा सके। एनआईसी ने विभिन्न सुरक्षा स्तरों का प्रयोग करके एक अति-सुरक्षित प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो ई-मेल को किसी भी बाहरी आक्रमण से बचाएगा।
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