गीतांजलि जेम्स के अंकेक्षकों ने पहले ही दी थी चेतावनी | |
देव चटर्जी / मुंबई 02 27, 2018 | | | | |
पंजाब नैशनल बैंक की अगुआई वाले भारतीय लेनदारों ने मार्च 2017 में गीतांजलि जेम्स के अंकेक्षक की उस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया था कि कंपनी ने भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्ज भुगतान में डिफॉल्ट किया है।बीएसई में सूचीबद्ध गीतांजलि जेम्स की अंकेक्षक फोर्ड, रोड्स ऐंड पाक्र्स एलएलपी के मुताबिक, कंपनी ने मार्च 2017 में समाप्त हुए साल के लिए एलआईसी के साथ डिफॉल्ट किया और एलआईसी को 12 फीसदी गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र जारी करने को लेकर शेयरधारकों का ध्यान आकर्षित किया था, जहां कंपनी ने बकाया मूलधन व ब्याज के तौर पर 3.5 करोड़ रुपये नहीं चुकाए थे। अंकेक्षक ने कहा था, कंपनी ने नियम के मुताबिक 1.5 करोड़ रुपये की तरल संपत्ति सृजित नहीं की।
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा विदेशी मुद्रा में आईसीआईसीआई बैंक व आईडीबीआई बैंक के बकाए का भी भुगतान किया जाना था। आईसीआईसीआई ईसीबी का मूलधन 87.5 लाख डॉलर व 9.7 लाख डॉलर ब्याज और आईडीबीआई ईसीबी का 7.3 लाख डॉलर मूलधन बकाया था। मार्च 2017 में कंपनी का एकीकृत कर्ज 82.5 अरब रुपये था।
ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि आवंटित सीमा के मुकाबले कार्यशील पूंजी की उधारी के तौर पर कंपनी ने 31.15 करोड़ रुपये लिए थे। इस रिपोर्ट पर चार्टर्ड अकाउंटेंट ए डी शिनॉय ने हस्ताक्षर किए थे। संपर्क किए जाने पर शिनॉय ने इस मसले पर टिप्पणी नहींं की लेकिन कहा कि इससे संबंधित सूचना सार्वजनिक है।
मंगलवार तक गीतांजलि का शेयर 62 फीसदी टूटकर 22.45 रुपये का रह गया और घोटाला सामने आने के बाद से इसके मूल्यांकन में 4.6 अरब रुपये की कमी हुई है। दूसरी ओर नीरव मोदी के मालिकाना हक वाली फायरस्टार इंटरनैशनल प्राइवेट लिमिटेड की अंकेक्षक डेलॉयट ने भी मार्च 2016 में चेताया था, लेकिन ऑडिट रिपोर्ट मार्च 2017 तक कंपनी में बड़े पैमाने पर हो रहे घोटाले का पता लगाने में नाकाम रही। मोदी की दो कंपनियों के लिए डेलॉयट ऑडिटर थी, जिसकी जांच अभी विभिन्न सरकारी एजेंसियां कर रही हैं।
डेलॉयट दो साल तक एफआईपीएल की अंकेक्षक थी और मार्च 2016 व मार्च 2017 में समाप्त हुए वर्ष में इनके खाते पर हस्ताक्षर किए थे। अभी भी दोनों कंपनियों की ऑडिटर यही है। दिलचस्प रूप से बैंकों को रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स से भी फरवरी 2016 में फायरस्टार इंटरनैशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ चेतावनी मिली थी जब कंपनी की वित्तीय सेहत बिगड़ी थी।
1 फरवरी 2016 को केयर ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी थी कि एफआईपीएल मार्च 2015 तक लंबे खिंचे परिचालन चक्र में परिचालित हो रही है, जिसके चलते कार्यशील पूंजी की बैंक सुविधा का पूरा इस्तेमाल ऐसे समय में हुआ जब इसका परिचालन ढलान पर था। इसके बाद केयर ने 24.6 अरब रुपये की कंपनी की ऋण प्रतिभूतियों को डाउनग्रेड कर दिया। केयर ने फायरस्टार डायमंड्स लिमिटेड (हॉन्ग कॉन्ग की सहायक) के बारे में भी चेतावनी दी थी। इसने कहा था कि कंनपी अपना कर्ज तब तक नहीं चुका पाएगी जब तक इसकी मूल कंपनी गारंटर के तौर पर नहीं आएगी। मोदी की अमेरिकी सहायक कंपनी फायरस्टार डायमंड ने अब दिवालिया के लिए आवेदन किया है।
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