विस्तार के लिए बेहतर स्थिति में अब एवरेडी | अभिषेक रक्षित / कोलकाता January 25, 2018 | | | | |
बैटरी बनाने वाली प्रमुख कंपनी एवरेडी ने एक बार फिर एफएमसीजी क्षेत्र में अपने कारोबार के विस्तार का दांव लगाया है। इस बार कंपनी के लिए परिस्थिति कहीं अधिक उपयुक्त दिख रही है। ऋण बोझ कम होने के कारण उपलब्ध नकदी से वह अपने विस्तार को आसानी से रफ्तार दे सकती है। कंपनी ने 2006-07 में भी दीपक खेतान के नेतृत्व में एफएमसीजी क्षेत्र में कदम रखने की कोशिश की थी। उस समय कंपनीने एवरेडी पावरऑन के साथ मॉस्क्यूटो रेपलेंट बाजार में कदम रखा था। लेकिन वह अपने ब्रांड को अधिक समय तक बरकरार रखने में विफल रही और उसे रेकिट बेंकिजर, गोदरेज एवं ज्योति लैबोरेटरीज से तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा था। अंतत: 2011 में कंपनी इस कारोबार से बाहर हो गई। इस बार कंपनी ने इंडोनेशिया की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी यूनिवर्सल वेलबीइंग प्रा. लि. (यूडब्ल्यूपीएल) संग संयुक्त उद्यम स्थापित की है। संयुक्त उद्यम में एवरेडी इंडस्ट्रीज की 30 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
हालांकि इस पृष्ठïभूमि के बावजूद एवरेडी इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अमृतांशु खेतान मौजूदा पहल को लेकर काफी आश्वस्त दिख रहे हैं। एवरेडी इंडस्ट्रीज का प्रमुख बैटरी कारोबार अब काफी मजबूत स्थिति में है और ऋण बोझ घटने के कारण कंपनी के पास काफी नकदी उपलब्ध है। ऐसे में इस ब्रांड को सफल बनाने के लिए कंपनी एक ठोस अभियान शुरू कर सकती है। खेतान ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'अब 2006 जैसी स्थिति नहीं है। ऋण बोझ काफी घट चुका है और प्रमुख बैटरी कारोबार काफी अच्छी स्थिति में है और इसलिए वह नए कारोबार को सहारा दे सकता है। नकदी प्रवाह की स्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।' कंपनी ने अपने बैटरी एवं एलईडी कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए अक्षय कुमार के साथ 'गिव मी रेड' अभियान पर भी काम किया है।
मॉस्क्यूटो रेपलेंट जैसे तगड़ी प्रतिस्पर्धा वाले बाजार में पिछली कोशिश से मिली सीख के साथ नए जमाने के खेतान ने काफी सोच-समझकर इस बाजार में कदम रखने का निर्णय लिया है। एफएमसीजी बाजार अपेक्षाकृत कम प्रतिस्पर्धी है और मध्यम अवधि में यहां 20 फीसदी वृद्धि की संभावना दिख रही है। भारत में कॉन्फेक्शनरी बाजार का आकार करीब 90 अरब रुपये का है जो अगले पांच वर्षों में बढ़कर 140 अरब रुपये होने का अनुमान है। इस बाजार में आईटीसी और परफेट्ïटी अपने कैंडीमैन व अल्पेनलीबी आदि ब्रांड के साथ वर्चस्व की स्थिति में हैं। खेतान का मानना है कि एवरेडी इंडस्ट्रीज इस बाजार के एक उल्लेखनीय हिस्से पर काबिज होने में समर्थ है और इससे उसे 2 अरब रुपये तक राजस्व प्राप्त हो सकता है। बैटरी बाजार में वृद्धि के लिए सीमित संभावनाओं को देखते हुए खेतान ने अधिक वृद्धि संभावना वाले इन नई श्रेणियों में उतरने का निर्णय लिया है।
फिलहाल एवरेडी इंडस्ट्रीज के कुल राजस्व में बैटरी कारोबार का योगदान 71 फीसदी है जबकि लाइटिंग कारोबार का योगदान 21 फीसदी है। इसी प्रकार अप्लायंस कारोबार से कंपनी को करीब 3 फीसदी राजस्व प्राप्ति होती है। कंपनी ने अगले पांच साल के दौरान कुल राजस्व में बैटरी कारोबार का योगदान घटाकर 40 फीसदी पर लाने की योजना बनाई है।
|