किया की भारत में दस्तक से हुंडई डीलरशिप में हलचल | |
अजय मोदी / नई दिल्ली 01 10, 2018 | | | | |
► हुंडई ने पिछले साल दुनिया भर में 45 लाख वाहन बेचे, इनमें भारत की भागीदारी रही 15 फीसदी
► किया ने 27.5 लाख वाहन बेचे, पिछले साल अप्रैल में की भारत में 1.1 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा
► डीलरों को लुभाने के लिए किया ने पिछले साल किए थे रोड शो
► हुंडई के 60 डीलरों ने दिखाई दिलचस्पी, किया आवेदन, हुंडई की हिदायत के बाद सबने वापस लिया आवेदन
दक्षिण कोरिया की कार कंपनी किया मोटर्स अभी भारत में उतरी भी नहीं है लेकिन उसकी अपनी सहयोगी कंपनी हुंडई के साथ प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है। किया मोटर्स ने दुनिया के पांचवें सबसे बड़े कार बाजार भारत में 1.1 अरब डॉलर निवेश करने की पिछले साल घोषणा की थी। कंपनी 2019 में भारत में अपना कारोबार शुरू करेगी। किया मोटर्स ने भारत में सेल्स सर्विस नेटवर्क स्थापित करने के लिए डीलरों को लुभाने के वास्ते कई रोड शो किए हैं। लेकिन कंपनी को जिन लोगों से आवेदन मिले, उनमें से 60 हुंडई के डीलर थे।
लेकिन देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई अपने डीलरों को कतई छोडऩा नहीं चाहती है। माना जा रहा है कि कंपनी ने अपने डीलरों से सख्त हिदायत देकर आवेदन वापस लेने को कहा। इसके बाद हुंडई के सभी डीलरों ने किया मोटर्स से आवेदन वापस ले लिए। देश में हुंडई के करीब 500 डीलर हैं जिनमें बिक्री, कलपुर्जे और सर्विस की सुविधा है। यह देखना दिलचस्प है कि एक ही मूल कंपनी के दो ब्रांड कैसे काम करते हैं। दोनों के कामकाज में कई समानताएं हैं लेकिन बाजार में उनके बीच होड़ है। हुंडई के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
किया ने पिछले साल अगस्त से लेकर सितंबर के बीच दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु और कोलकाता में रोड शो किए। कंपनी ने पिछले साल अप्रैल में भारत में उतरने की घोषणा की थी। कोरियाई कंपनी की आंध्र प्रदेश में कार संयंत्र स्थापित करने के लिए 70 अरब रुपये निवेश करने की योजना है। इस संयंत्र में हर साल 3 लाख कारें बनाई जाएंगी। 563 एकड़ में फैले इस संयंत्र से 2019 की दूसरी छमाही में उत्पादन शुरू होगा और खासतौर से भारतीय बाजार के लिए सिडैन और कॉम्पैक्ट एसयूवी बनाई जाएंगी।
किया मोटर्स के रोड़ शो में डीलरों ने काफी दिलचस्पी दिखाई थी। माना जा रहा है कि कंपनी ने डीलरों के लिए अच्छे मुनाफे की पेशकश की थी जिसे सैकड़ों निवेशकों ने हाथोंहाथ लिया था। यह साफ नहीं है कि 2019 में भारतीय बाजार में उतरने से पहले किया की कितने डीलर बनाने का लक्ष्य है लेकिन बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि यह संख्या 150 से 200 तक हो सकती है। लेकिन 60 फीसदी निवेशकों के आवेदन वापस लेने के फैसले से कंपनी की मुहिम को थोड़ा झटका लगा है। किया मोटर्स की जन संपर्क एजेंसी ने इस संबंध में भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
हुंडई इंडिया के प्रबंध निदेशक वाई के कू ने पिछले साल कहा था कि किया और हुंडई अलग-अलग कंपनियां हैं। उन्होंने कहा, 'प्रबंधन, संचालन और नेटवर्क सबकुछ अलग होगा। लागत में कमी के लिए वेंडरों को साझा किया जा सकता है लेकिन रणनीति पूरी तरह अलग होगी।' उन्होंने संकेत दिया था कि उनके लिए किया मोटर्स किसी बाजार की किसी अन्य प्रतिद्वंद्वी कंपनी की तरह होगी और हुंडई पूरी आक्रामकता के साथ काम करेगी। दुनिया में हुंडई किया से बड़ी कंपनी है। हुंडई के लिए भारत तीसरा सबसे बड़ा बाजार है और कंपनी की कुल बिक्री में उसकी 15 फीसदी भागीदारी है। हुंडई सहित भारत में कारोबार कर रही अधिकांश वाहन कंपनियों डीलरशिप की नीतियों को लेकर उदार हैं लेकिन मारुति सूजुकी जैसी कुछ कंपनियां अपने डीलरों को किसी अन्य कंपनी की कारों का कारोबार करने की अनुमति नहीं देती हैं।
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