कारोबारी सुगमता में पिछड़ी दिल्ली | |
रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली 12 14, 2017 | | | | |
कारोबारी सुगमता उपाय लागू करने में दिल्ली पिछड़ती जा रही है। दिल्ली के पड़ोसी राज्य सुगमता उपाय लागू करने में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं दिल्ली इतनी पीछे चली गई है कि वह त्रिपुरा, दमन एवं दीव जैसे राज्यों से भी पिछड़कर 25वें स्थान पर है। केंद्र सरकार का औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) राज्यों द्वारा कारोबारी सुगमता उपाय लागू करने की ऑनलाइन निगरानी कर रहा है और इसकी वेबसाइट पर रोजाना लाइव क्रियान्वयन स्कोरकार्ड देखा जा सकता है।
डीआईपीपी के मुताबिक बुधवार तक दिल्ली ने 372 उपायों में महज 55 उपाय ही लागू किए जबकि उसे 305 उपाय लागू करना बाकी है। दिल्ली द्वारा अब तक लागू किए गए कारोबारी सुगमता उपायों के आधार पर उसका क्रियान्वयन स्कोर 15.28 फीसदी है और उसकी रैंकिंग 36 राज्यों में 25वीं है।
खास बात ये है कि पिछले माह भारत की वैश्विक रैंकिंग में बड़े सुधार में दिल्ली का उल्लेख था। इस रैंकिंग के जारी होने के बाद बीते करीब डेढ़ माह के दौरान देश में दिल्ली कारोबारी सुगमता उपायों को लागू करने की रैंकिंग में और पिछड़ गई। इस दौरान वह 21वें स्थान से फिसलकर 25वें स्थान पर चली गई जबकि इस दौरान दिल्ली के पड़ोसी राज्यों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। दिल्ली को जिन उपायों को लागू करना बाकी है, उनमें राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए समर्पित एकल खिड़की मंजूरी तंत्र, व्यावसायिक अदालतों में व्यवसायिक विवादों के लिए ई-फाइलिंग, हरित उद्योग को स्वप्रमाणन सुविधा, एकल खिड़की मंजूरी तंत्र से अग्निशमन एनओसी, 48 घंटे में निरीक्षण जांच ऑनलाइन उपलब्ध कराना आदि शामिल है। दिल्ली में एक से 10 साल के लिए फैक्टरी लाइसेंस का नवीनीकरण, ऑनलाइन पर्यावरण अनुमति और ऑनलाइन बिजली-पानी कनेक्शन जैसे कारोबारी सुगमता उपाय लागू किए जा चुके हैं।
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