पिछले 6 महीनों में जहां उत्तरखंड में निवेश की बाढ़ आ रही है, वहीं हिमाचल प्रदेश सरकार निवेशको की बाट जोह रही है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मंदी के कारण आने वाले कुछ समय तक हालात में कोई सुधार नहीं आने वाला है। दरअसल निवेशक कंपनियों को इस बात पर भी यकीन नहीं है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से कर छूट पैकेज की अवधि भी बढ़वा पाएगी। दरअसल हिमाचल प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कर छूट पैकेज दिया हुआ था। यह कर छूट पैकेज साल 2010 में समाप्त हो रहा है। पंजाब और हरियाणा हिमाचल प्रदेश को दिए जा रहे इस पैकेज की अवधि बढ़ाने के खिलाफ हैं। इसके अलावा निवेशकों को ऋण मुहैया कराने में वित्तीय संस्थाएं भी कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। एक सर्वेक्षण के मुताबिक निवेशक कंपनियों के संयंत्र स्थापित करवाने के काम में राज्य औद्योगिक विकास मंत्रालय काफी सुस्त है, इसी कारण पिछले 6 साल के दौरान राज्य में सिर्फ 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का काम ही पूरा हो सका है। अगर इसी रफ्तार से काम होता रहा तो साल 2010 तक राज्य को 10,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश नहीं मिल पाएगा।
