हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड कंपनी और जापानी कंपनी निसान अपने कारोबार के तीन संयुक्त उपक्रमों की फिर से समीक्षा करेंगी। छोटे व्यावसायिक वाहन निर्माण, पावर ट्रेन और प्रौद्योगिकी विकास की इन योजनाओं में 2,300 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। अशोक लीलैंड के मुख्य वित्तीय अधिकारी के. श्रीधरन ने कहा कि हम अपनी व्यावसायिक योजनाओं की समीक्षा करेंगे, न कि संयुक्त गठजोड़ की। उन्होंने कहा कि दोनों भागीदार कंपनियां अपने व्यावसायिक योजनाओं का प्रारूप बनाएंगी। पिछले साल इन दोनों कंपनियों ने हल्के व्यावसायिक वाहन निर्माण, पावर ट्रेन और प्रौद्योगिकी विकास के लिए गठजोड़ का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के समय में कंपनियां अपने कारोबार के बारे में योजना बनाएंगी। श्रीधरन ने कहा कि हम इस बारे में गंभीरता से विचार करेंगे कि किस प्रकार के उत्पाद से अपना कारोबार शुरू करें। उन्होंनें कहा कि उत्पादन को कितना कम किया जा सकता है, इसके बारे में कुछ महीने में कुछ किया जाएगा। श्रीधरन ने कहा, 'हमलोग इस मुद्दे पर गंभीरता से सोच रहे हैं। हमलोग इस बात पर विचार कर रहे हैं कि पहले चरण में किस उत्पाद को लाना है और किसे बाहर करना है। इसलिए हमलोग कारोबार की फिर से समीक्षा कर रहे हैं।' अपने एक वक्तव्य में निसान ने कहा कि मौजूदा आर्थिक संकट के माहौल में छोटे व्यावसायिक वाहनों की कारोबारी इकाई में निवेश को लेकर कंपनी अध्ययन कर रही है। अभी जबकि अध्ययन की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए इस मसले के नतीजे पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। इसमें कहा गया है कि निसान परियोजना विकास को लेकर सकारात्मक रुख अपना रही है। दोनों कंपनियों ने चेन्नई से 40 किमी दूर पिल्लईपक्कम में वाहनों और पावर ट्रेन के विकास के लिए एक इकाई लगाने के मसले पर तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया था। यह परियोजना 380 एकड़ जमीन पर फैली हुई है।
