देश के दूसरे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स द्वारा जिंस बाजार के नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के फैसले को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दिये जाने को अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एक्सचेंज पहले नियामक के सवालों का सही जवाब देते हुए उसे अपने कारोबारी निर्णय से संतुष्ट करें। एक्सचेंज ने ट्रांजैक्शन फीस कम किए जाने पर एफएमसी की रोक के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत के फैसले पर एफएमसी आयुक्त बी सी खटुआ ने कहा कि अदालत के फैसले से एक बार फिर से यह साबित हो गया है कि किसी भी कमोडिटी एक्सचेंज को वायदा बाजार के नियमों के अनुसार ही चलना होगा। आयोग किसी भी तरह से किसी भी एक्सचेंज को वायदा बाजार के नियमों के खिलाफ कारोबार करने की इजाजत नहीं देगा। दूसरी तरफ एनसीडीईएक्स ने इस फैसले पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है। गौरतलब है कि ट्रांजैक्शन चार्ज में बदलाव की एनसीडीईएक्स की दोबारा कोशिश पर एफएमसी ने 28 जनवरी को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। इसके बाद एनसीडीईएक्स ने 30 जनवरी को एफएमसी के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी। यह अपनी तरह का पहला मामला था जब किसी कमोडिटी एक्सचेंज ने बाजार के नियामक को अदालत में चुनौती दी हो। इसीलिए बाजार अदालती फैसले पर सभी की निगाहें लगी हुई थी। अदालत का फैसला एनसीडीईएक्स के खिलाफ आने से असली जीत एमसीएक्स की मानी जा रही है क्योंकि एनसीडीईएक्स के इस कदम से सबसे ज्यादा नुकसान एमसीएक्स को ही हो रहा था। एंजेल ट्रेड ब्रोकिंग के कमोटिडी रिसर्च हेड अमर सिंह के मुताबिक यह फैसला अगर एनसीडीईएक्स के पक्ष में आता है तो इसका फायदा एनसीडीईएक्स, ब्रोकर्स और निवेशकों को होता, लेकिन सीधा नुकसान एमसीएक्स को होने वाला था। क्योंकि ट्रांजेक्शन चार्ज कम होने से लोग एमसीएक्स की जगह एनसीडीईएक्स के प्लेटफार्म को प्राथमिकता देते। वायदा कारोबार में अपनी बादशाहत को बचाने के लिए एमसीएक्स को भी अपना ट्रांजेक्शन चार्ज कम करने के लिए मजबूर होना पड़ता। ज्ञात हो कि एनसीडीईएक्स ने 30 दिसंबर 2008 को पहली बार टांजैक्शन चार्ज में बदलाव किया था जिसके अनुसार 10 बजे से लेकर 3.30 बजे तक हुए कारोबार में तीन रुपये प्रति लाख के हिसाब से ट्रांजैक्शन चार्ज देना था, जबकि 3.30 बजे के बाद ट्रेडिंग बंद होने तक के कारोबार में पांच पैसा प्रति लाख रुपये वसूले जाने थे। यह सभी कमोडिटी कारोबार में लागू किया गया था। लेकिन एमसीएक्स की शिकायत के बाद एक जनवरी को एफएमसी ने इस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 28 जनवरी को ट्रांजैक्शन चार्ज में कमी शाम पांच बजे के बाद से लागू की गई थी लेकिन एफएमसी ने 28 जनवरी की शाम को ही इस पर फिर से रोक लगा दी थी।
