► पहले 51 फीसदी हिस्सेदारी 11,000 करोड़ रुपये में बेचने की थी योजना ► एयरसेल के साथ विलय सौदा टूटने के बाद कंपनी टावर इकाई बेचने को लेकर गंभीर
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) अपनी टावर इकाई में अब 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए ब्रुकफील्ड समूह के साथ बात कर रही है। इससे पहले कंपनी ने 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत शुरू की थी। एयरसेल के साथ प्रस्तावित विलय का सौदा टूटने के बाद अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस अपने अंतरराष्टï्रीय टावर कारोबार के पुनर्मूल्यांकन के काम में जुटी है। एयरसेल से करार टूटने के बाद आरकॉम के टावरों की किरायेदारी घटकर 1.87 से 1.2 हो गई है।
इसकी पुष्टि करते हुए आरकॉम के कार्यकारी निदेशक पुनीत गर्ग ने कहा, 'हम ब्रुकफील्ड के साथ गंभीरता से बात कर रहे हैं और टावर कारोबार में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का विकल्प खुला रखा है। इसके साथ ही अब टावर में एयरसेल नहीं होगी ऐसे में ब्रुकफील्ड नए सिरे से परिसंपत्तियों का मूल्यांकन कर रही है। उसकी इस सौदे में दिलचस्पी बनी हुई है।' आरकॉम की शुरुआती योजना टावर कारोबार में 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की थी। लेकिन अब आरकॉम को कम कीमत मिल सकती है। ऐसे में अगर वह 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचती है तो उसे पहले से ज्यादा मूल्यांकन मिल सकता है।
गर्ग ने कहा कि कंपनी टावर और कुछ रियल एस्टेट सौदों के साथ ही फाइबर नेटवर्क की बिक्री के जरिये 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा कि इनमें से संभव है कुछ सौदे हों और कुछ नहीं भी हो सकते हैं। हमें रियल एस्टेट संपत्तियों को बेचने की तत्काल जरूरत नहीं है।
गर्ग ने कहा कि कंपनी ने हाल ही में नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सेंटर का नए सिरे से मूल्यांकन कर उसकी कीमत करीब 10,000 करोड़ रुपये आंकी है। महाराष्ट्र सरकार की एकीकृत आईटी टाउनशिप नीति के तहत इसमें 1.7 करोड़ वर्ग फुट वाणिज्यिक जगह बनाई जा सकती है, जिसका एफएसआई 3 है। यहां पहले ही 13 लाख वर्ग फुट में निर्माण कराया जा चुका है और उसे पट्टे पर दिया जा सकता है।
आरकॉम 2014 से ही अपनी रियल एस्टेट संपत्तियों को बेचना चाह रही है लेकिन उसमें सफल क्यों नहीं हो पा रही, पूछने पर गर्ग ने कहा, 'इसे विफलता नहीं कह सकते क्योंकि हमने कोलकाता में कुछ संपत्तियों की बिक्री की है और नवी मुंबई में फ्लैट्स के साथ ही हैदराबाद में भी संपत्तियां बेची हैं। इसमें हुआ यह है कि हमने अपनी रणनीति बदल ली है और अब साझेदार के साथ जमीन का विकास करने के अधिकार के साथ उसकी बिक्री कर रहे हैं।'
गर्ग ने कहा कि कंपनी 4जी सेवाएं देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और रिलायंस जियो के साथ इंटर-कनेक्ट समझौते के जरिये कंपनी देश भर में (जम्मू कश्मीर छोड़कर) 4जी सेवा देगी। कंपनी ने सरकार से प्रमाणीकरण के लिए संपर्क किया है ताकि 2100 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का 4जी सेवाओं में उपयोग किया जा सके। क्या आरकॉम द्वारा रिलायंस जियो को अपना ऑप्टिक फाइबर कारोबार बेचने की योजना है, पूछे जाने पर गर्ग ने कहा कि वह पारदर्शी नीति का अनुपालन करेगी और इसके लिए जियो के साथ अन्य इच्छुक पक्षों से भी बात कर सकती है।
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