अल्पांश शेयरधारकों को मिलेंगे अतिरिक्त 75.48 रुपये प्रति शेयर | अदिति दिवेकर / मुंबई August 22, 2017 | | | | |
एस्सार ऑयल लिमिटेड की प्रवर्तकों एस्सार एनर्जी होल्डिंग्स लिमिटेड (ईईएचएल) और ऑयल बिडको (मॉरीशस) लिमिटेड (ओबीएमएल) ने आज कहा कि रोसनेफ्ट के साथ बिक्री सौदा पूरा होने के बाद डीलिस्टिंग में एस्सार ऑयल के शेयर देने वाले पूर्व अल्पांश शेयरधारकों को अतिरिक्त 75.48 रुपये प्रति शेयर का भुगतान किया जाएगा। कुल 880 करोड़ रुपये का भुगतान 3,064 करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगा, जिसका भुगतान ओबीएमएल ने साल 2015 में एस्सार ऑयल की डीलिस्टिंग के बाद अल्पांश शेयरधारकों को किया था। एस्सार के संस्थापक शशि रुइया के हवाले से कहा गया है, एस्सार-रोसनेफ्ट कंसोर्टियम के साथ हुए सौदे ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं और डीलिस्टिंग कीमत के अलावा शेयरधारकों को अतिरिक्त रकम का भुगतान भारतीय कंपनी जगत में पहला उदाहरण है। यह शेयरधारकों को बेहतर तरीके से पुरस्कृत करने की हमारी धारणा को रेखांकित करता है।
प्रवर्तक जल्द ही इस संबंध में सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे और दिसंबर 2015 की डीलिस्टिंग पेशकश में जताई गई प्रतिबद्धता के मुताबिक अतिरिक्त भुगतान दो महीने के भीतर किया जाएगा।
1995 में सूचीबद्धता के समय एस्सार ऑयल लिमिटेड का मूल्यांकन 2,000 करोड़ रुपये था और अब इसका मूल्यांकन करीब 50,400 करोड़ रुपये है, जो 2420 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है। मूल्यांकन में बढ़ोतरी संभावित तौर पर लगातार रणनीतिक निवेश और कारोबार में इजाफे के चलते हुई। ईईएचएल के निदेशक धनपत नाहटा के हवाले से कहा गया है, अल्पांश शेयरधारकों को अतिरिक्त भुगतान अप्रत्याशित है।
आम शेयरधारकों के पास मौजूद 14.25 करोड़ शेयरों में से ओबीएमएल ने डीलिस्टिंग पेशकश के जरिए 11.66 करोड़ शेयर का अधिग्रहण किया था जबकि डीलिस्टिंग के लिए 9.26 करोड़ शेयर के अधिग्रहण की दरकार थी। सेबी के तय फॉर्मूले के मुताबिक डीलिस्टिंग का फ्लोर प्राइस 146.05 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था, लेकिन ओबीएमएल ने 262.80 रुपये प्रति शेयर के भुगतान पर सहमति जताई, जो सेबी के तय फॉर्मूले के मुकाबले 80 फीसदी ज्यादा है। अब अतिरिक्त भुगतान के बाद कुल भुगतान करीब 132 फीसदी का प्रीमियम बताता है।
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