आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को निपटाने की प्रक्रिया में तेजी | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई July 26, 2017 | | | | |
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए नियामक के पास जमा कराए गए दस्तावेजों को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाई है क्योंकि इस साल कई कंपनियां अपने शेयरों की बिक्री के लिए तैयार दिख रही हैं। प्राथमिक बाजार पर नजर रखने वाली फर्म प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, सेबी के पास आईपीओ दस्तावेज जमा कराने की तिथि और उसे मंजूरी दिए जाने की तिथि के बीच औसत समय घटकर 65 दिन हो गया है तो 2016 में 87 दिन रहा था।
सेबी ने एयू स्मॉल फाइनैंंस बैंक, एपेक्स फ्रोजेन फूड्ïस, कैपेसाइट इन्फ्राप्रोजेक्ट्ïस, शल्बी और सीडीएसएल के पेशकश दस्तावेजों को इस साल महज दो महीने के भीतर मंजूरी दी है। जबकि कोचीन शिपयार्ड के आईपीओ दस्तावेजों को 27 दिनों के रिकॉर्ड समय में मंजूरी दी गई है। बाजार पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि सेबी ने आईपीओ दस्तावेजों को निपटाने में तेजी लाने के लिए अपनी टीम को इस साल के आरंभ में ही प्रोत्साहित किया था। बाजार नियामक ने आईपीओ दस्तावेजों को निपटाने के लिए सटीक दृष्टिïकोण अपनाने के लिए भी कहा है जिससे सेबी द्वारा बताए गए निरीक्षण की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई है। इससे पहले कुछ आईपीओ दस्तावेजों को बाजार नियामक द्वारा बिना किसी टिप्पणी अथवा निरीक्षण के कई महीनों में मंजूरी दी गई थी।
प्राइम डेटाबेस प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, 'बाजार नियामक ने विभिन्न हितधारकों से प्रतिक्रिया ली है और अब वह आईपीओ दस्तावेजों को अपेक्षाकृत कम समय में मंजूरी देने की कोशिश कर रहा है।' पेशकश दस्तावेजों को कम समय में मंजूरी दिए जाने से बाजार अनिश्चितता के खिलाफ बचाव में भी मदद मिलेगी। इससे पहले कई कंपनियां मंजूरी मिलने तक बाजार परिदृश्य में हुए बदलाव के मद्देनजर अपने आईपीओ को टाल चुकी हैं। हल्दिया ने कहा, 'प्रवर्तक और मर्चेंट बैंकर एक खास मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए बाजार नियामक के पास आईपीओ दस्तावेज जमा कराते थे। लेकिन मंजूरी मिलने में देरी होने के कारण परिस्थितियां बिल्कुल बदल जाती थीं और मूल्यांकन आंकड़ा बिल्कुल अप्रासंगिक हो जाता था।'
हालांकि आईपीओ दस्तावेज पर गौर करने का सेबी का तरीका अब बदल चुका है। मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक गिरीश नाडकर्णी ने कहा, 'बाजार नियामक की टिप्पणी अब कहीं अधिक सटीक हो गई है। साथ ही पिछले कुछ वर्षों के दौरान निर्गम जारी करने और खुलासा गुणवत्ता में कहीं अधिक सुधार हुआ है।' साल 2017 के दौरान कुल 13 में से 6 कंपनियों में हरेक ने आईपीओ के जरिये पूंजी बाजार से 1,000 करोड़ रुपये जुटाए। कुल मिलाकर उन्होंने 11,800 करोड़ रुपये जुटाए। साल 2016 के दौरान 26 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये पूंजी बाजार से कुल करीब 27,000 करोड़ रुपये जुटाए।
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