पेटया रैन्समवेयर की घुसपैठ : साइबर हमले की जद में भारत भी
बीएस संवाददाता / बेंगलूरु/मुंबई/नई दिल्ली 06 28, 2017
► जेएनपीटी समेत कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों का भारतीय परिचालन पेटया रैन्समवेयर की चपेट में ► दुनियाभर में तेल एवं गैस से लेकर दवा, बैंकिंग एवं बिजली वितरण प्रणाली पर साइबर हमले का असर
रैन्समवेयर के हमले से एक बार फिर भारत और तमाम देशों में कारोबार तथा कंप्यूटर प्रणालियों पर असर पड़ा है। भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों- डब्ल्यूपीपी, चॉकलेट कंपनी मोंडलीज, जर्मनी की बीयर्सडॉर्फ एजी, ब्रिटेन की उपभोक्ता उत्पाद दिग्गज आरबी की स्थानीय इकाइयां आदि पेटया नाम के इस रैन्समवेयर के हमले की शिकार हुई हैं। जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) का एक टर्मिनल भी इस हमले की जद में आया है। इस टर्मिनल का प्रबंधन एपीएम मेयर्स्क कर रही है। इससे बंदरगाह पर माल की आवाजाही पर असर पड़ा। इसके बाद सरकार ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संयोजक गुलशन राय को आनन-फानन में जेएनपीटी भेजा।
कारोबार और परिवहन पर असर कम करने के लिए जहाजरानी मंत्रालय आवश्यक कदम उठा रही है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अधिक से अधिक ठहराव क्षेत्र (पार्किंग एरिया) सुनिश्चित करने और आवाजाही में बाधाएं दूर करने के लिए वह स्थानीय सरकारी तंत्र और सिडको के साथ मिलकर काम कर रहा है। रैन्समवेयर के हमले से पूरी दुनिया में तेल एवं गैस कारोबार से जहाजरानी, दवा, बैंकिंग तथा बिजली वितरण कारोबारों पर असर हुआ है। इस बीच साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सॉफ्टवेयर में सुधार और सुरक्षित ऑनलाइन कामकाज की सलाह दे रहे हैं।
गुजरात पीपावाव ने कहा कि इस हमले से एपीएम टर्मिनल पर आंशिक असर पड़ा है। भारत में डब्ल्यूपीपी की मीडिया इकाई ग्रुपएम में परिचालन लगभग ठप हो गया। सूत्रों ने कहा कि आईटी विभाग नुकसान का अंदाजा लगाने में अभी तक जुटा है, इसीलिए एजेंसी किसी तरह का बयान जारी नहीं कर रही है। उधर मोंडलेज इंटरनैशनल के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम मोंडलीज इंटरनैशनल में साइबर हमले के असर दूर करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। भारत और दुनिया भर में अपने ग्राहकों एवं उपभोक्ताओं से संपर्क बनाए रखने के लिए हमारी टीम इंटरनेट के बगैर (ऑफलाइन) ही काम कर रही है।' माना जा रहा है कि बीयर्सडॉफ और आरबी पर भी असर पड़ा है। लेकिन दोनों कंपनियों का जवाब अभी नहीं मिल पाया।
रैन्समवेयर के एक और हमले पर जुनिपर नेटवक्र्स इंडिया के राकेश कुमार सिंह ने कहा, 'कुछ बड़ी भारतीय कंपनियों और सरकारी बैंकों पर बड़ा असर दिख रहा है। खासकर उन कंपनियों पर रैन्समवेयर का खतरा अधिक है, जिनकी तकनीक पुख्ता नहीं है।' पिछले एक महीने में वानाक्राई नाम के रैन्समवेयर के बाद पेटया का हमला हुआ है। रैन्समवेयर ई-मेल अटैचमेंट्स के जरिये आता है। अटैचमेंट क्लिक करने के साथ ही यह पूरे कंप्यूटर और सर्वर में फैल जाता है। पुराने विंडोज सॉफ्टवेयर पर चलने वाले कंप्यूटर पर इसके हमले की आशंका अधिक होती है।
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