चॉकलेट में दमदार मोंडलीज | विवेट सुजन पिंटो / मुंबई June 05, 2017 | | | | |
देश में तेजी से बढ़ रहे चॉकलेट बाजार की प्रीमियम श्रेणी में भी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा दिख रही है और वहां कैडबरी ब्रांड के तहत चॉकलेट बनाने वाली अमेरिकी कंपनी मोंडलीज का वर्चस्व कायम है। मोंडलीज ने प्रीमियम चॉकलेट बाजार में जबरदस्त मार्जिन के साथ अपनी पकड़ बरकरार रखी है। उद्योग से जुटाए गए नीलसन के आंकड़ों के अनुसार, चॉकलेट की उस श्रेणी में मोंडेलेज की बाजार हिस्सेदारी करीब 24 फीसदी है जहां एक चॉकलेट की कीमत 40 रुपये और इससे अधिक है। जबकि उसी श्रेणी में प्रतिस्पर्धी ब्रांड नेस्ले की बाजार हिस्सेदारी 1.1 फीसदी और फेरेरो की बाजार हिस्सेदारी 0.6 फीसदी है। हालांकि ये आंकड़े मोटे तौर पर निकाले गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में करीब 8,200 करोड़ रुपये के चॉकलेट बाजार में प्रीमियम श्रेणी की हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है। करीब 20 फीसदी की सालाना वृद्धि के साथ यह कहीं तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है जबकि कुल चॉकलेट बाजार की सालाना वृद्धि दर करीब 13 फीसदी है। नीलसन के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि सिल्क जैसे मोंडेलेज के प्रीमियम ब्रांडों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इन प्रीमियम उत्पादों की बाजार हिस्सेदारी 200 आधार अंक बढ़कर 5.5 फीसदी हो चुका है जो 2015 में 3.5 फीसदी रही थी।
मोंडेलेज इंडिया के निदेशक (विपणन-चॉकलेट) प्रशांत पेरेस ने कहा कि प्रीमियम बाजार में आगे रहते हुए कंपनी ने लगातार नवाचार को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, 'सिल्क पोर्टफोलियो में सिल्क ओरियो (बिस्कुट और चॉकलेट का एकीकरण), बबली (एयरेटेड चॉकलेट) और कैरैमेलो (बीच में तरल से भरा चॉकलेट) जैसे नवाचार के बाजार का कुल आकार अब करीब 400 करोड़ रुपये हो चुका है। इसमें से बबली का आकार 261 करोड़ रुपये है जिसे जुलाई 2015 में उतारा गया था। कैडबरी डेयरी मिल्क मार्वेलस क्रिएशंस और कैडबरी फ्यूज जैसे कुछ अन्य नवाचार की बाजार हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ रही है।'
नीलसन के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2016 में उतारे गए कैडबरी फ्यूज की बाजार हिस्सेदारी 1.1 फीसदी है। जबकि 2016 में भी बाजार में आने वाले मार्वेलस क्रिएशंस की बाजार हिस्सेदारी का आकलन नहीं किया जा सका। मोंडेलेज के प्रीमियम उत्पादों को बाजार में नेस्ले और फेरेरो जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों द्वारा उतारे गए उत्पादों से प्रतिस्पर्धा मिल रही है। ये दोनों कंपनियां किटकैट और फेरेरो रॉश ब्रांड के तहत अपने उत्पादों के लिए निवेश और वितरण को आक्रामक तरीके से बढ़ा रही हैं। देश के चॉकलेट बाजार में फेरेरो की कुल बाजार हिस्सेदारी 8.5 फीसदी है और उसने कहा है कि वह अगले कुछ वर्षों में भारत में अपने निवेश को दोगुना करते हुए 1,600 करोड़ रुपये करेगी।
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