हुडको: सुरक्षित और मजबूत दांव | हंसिनी कार्तिक / May 07, 2017 | | | | |
हाउसिंग ऐंड अर्बन डेवलमेंट कॉरपोरेशन से चर्चित हुडको का आईपीओ ऐसे समय में आया है जब सरकार ने खासकर किफायती आवास क्षेत्र में दिलचस्पी दिखाई है। फिर भी, कंपनी का मजबूत परिदृश्य शानदार रहा है जिसमें पिछले तीन साल में हुडको के प्रबंधन द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई पहलें भी शामिल हैं कि उसने अपनी उधारी रणनीति पर विशेष ध्यान दिया है और इससे गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्याएं अब सामने नहीं आएंगी।
व्यावसायिक परिचालन
हुडको ने मुख्य रूप से आवासीय और शहरी बुनियादी ढांचा क्षेत्र से संबंधित राज्य और केंद्र सरकार की परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। 31 दिसंबर, 2016 को हुडको की ऋण बुक 36,386 करोड़ रुपये पर थी जिसमें लगभग 31 प्रतिशत ऋण आवास क्षेत्र के लिए और 69 फीसदी बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए शामिल है। राज्य सरकारों और उनकी एजेंसियों का उसकी ऋण बुक में 90 प्रतिशत का योगदान है।
आवास क्षेत्र में राज्यों के लिए ऋण का हुडको की ऋण बुक का लगभग 97 प्रतिशत है और वह कम आय वर्ग (एलआईजी) और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) की जरूरतों को पूरा करने पर जोर दे रही है। सोशल हाउसिंग के तौर पर चर्चित इस सेगमेंट का योगदान आवास ऋण बुक में 69 फीसदी है। हुडको की उधारी आवासीय रियल एस्टेट डेवलपरों (हाउसिंग बुक का 25 प्रतिशत) से भी जुड़ी हुई है जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों शामिल हैं और वह साथ ही मध्यम और उच्च आय वर्गों की भी जरूरतें पूरी करती है। शेष भागीदारी हुडको निवास से संबंधित है जिसमें यह लोगों और साथ ही राज्य सरकारों को उनके कर्मचारियों की धारी के संबंध में प्रत्यक्ष रूप से ऋण प्रदान करती है। अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर लेंडिंग डिवीजन के तहत हुडको का जल आपूर्ति परियोजनाओं में 34 प्रतिशत, सड़क परियोजनाओं में 29 प्रतिशत और राज्य विद्युत वितरण कंपनियों के लिए 21 प्रतिशत का योगदान है। अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर लोन बुक का लगभग 87 प्रतिशत राज्यों के लिए ऋण से संबंधित है जबकि निजी क्षेत्र की भागीदारी 13 प्रतिशत है जो 2013-14 के 17 फीसदी के मुकाबले कम है। इससे पहले हुडको ने 2013 में निजी क्षेत्र को उधारी बंद किए जाने का निर्णय लिया था क्योंकि निजी डेवलपरों के लिए दिए गए ऋणों में एनपीए का स्तर तेजी से बढ़ गया।
वित्तीय स्थिति
चूंकि सरकारी कंपनियों के लिए उधारी हुडको की प्रमुख गतिविधि है, इसलिए निवेशकों को उसकी ऋण बुक या आय में सालाना आधार पर किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन क्या वे उसकी मजबूत वित्तीय स्थिति से उत्साहित हो सकते हैं। वित्त वर्ष 2017 के 9 महीनों की अवधि के लिए शुद्घ ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 4.3 फीसदी पर है और यह उद्योग में श्रेष्ठï एनआईएम में से एक है।
हुडको कर-मुक्त और कर योग्य बॉन्डों, जमाओं, वाणिज्यिक पत्र, नैशनल हाउसिंग बोर्ड से पुनर्वित्त सहायता और अपनी कोष जरूरतों को पूरा करने के लिए मियादी ऋणों पर जोर देती है। सरकारी स्वामित्व से इसे सस्ती दर पर दीर्घावधि ऋणों तक पहुंच बनाने में भी मदद मिली है। इस ढांचे में निकट भविष्य में कोई बदलाव आने की आशंका नहीं है। अगर ऐसा होता है तो भी 10 प्रतिशत से कम की जरूरत की तुलना में 67 प्रतिशत की टियर-1 पूंजी को देखते हुए मजबूत स्थिति में बने रहने की संभावना है। पूंजीकरण में तेजी इसलिए भी आई है क्योंकि राज्यों के लिए ऋण गारंटी, प्रतिभूति, गिरवी आदि द्वारा समर्थित हैं। यही वजह है कि राज्यों के परियोजनाओं के लिए एनपीए 1 प्रतिशत से नीचे हैं। हालांकि निजी क्षेत्र के ऋणों के साथ समान ढांचे को अपनाए जाने में समस्याओं के परिणामस्वरूप एनपीए अनुपात बढ़कर 6.8 फीसदी पर पहुंच गया। हालांकि इस दबाव को कम करने के लिए प्रयास जारी हैं, लेकिन एनपीए के मौजूदा स्तरों से नीचे आने में 12-18 महीने का समय और लग सकता है।
अन्य जोखिम
किफायती आवास क्षेत्र पर सरकार के रुख में बदलाव हुडको की प्रतिस्पर्धी क्षमता में बदलाव ला सकता है। इसी तरह बॉन्ड प्रतिफल में बड़े बदलाव या कर-मुक्त बॉन्ड रूट का लाभ उठाने में नाकामी एनआईएम पर दबाव डाल सकती है। इस आईपीओ से हुडको में सरकारी की हिस्सेदारी घटकर 89.8 फीसदी रह जाएगी। हालांकि 75 प्रतिशत की अनिवार्य शेयरधारिता जरूरत पूरी करने के लिए बाद में भी निर्गम संभावित हैं जिससे शेयर पर दबाव बना रह सकता है।
मूल्यांकन
कीमत दायरे के ऊपरी हिस्से पर, मूल्यांकन वित्त वर्ष 2016 की पीबी के 1.4 गुना पर है। हालांकि यह होलसेल फाइनैंसिंग सेगमेंट में तुलना के आसपास नहीं है, लेकिन इन मूल्यांकन पर हुडको तेजी से बढ़ रही एलआईसी हाउसिंग और एचडीएफसी जैसी कई कंपनियों के मुकाबले नीचे है। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज, आईआईएफएल, एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग, रिलायंस सिक्योरिटीज और ऐक्सिस कैपिटल समेत कई विश्लेषकों ने निवेशकों को हुडको के आईपीओ को खरीदने का सुझाव दिया है।
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