भिलाई स्टील प्लांट को रेलवे से मिला बड़ा ठेका | आर कृष्णा दास / रायपुर April 10, 2017 | | | | |
सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक कंपनी सेल का भारतीय रेल के लिए पटरियों की आपूर्ति में एकाधिकार है, लेकिन निजी क्षेत्र की कंपनियां इसमें सेंध लगाने की जुगत में भिड़ी हैं। बावजूद इसके सेल को भारतीय रेल से बड़ा ऑर्डर मिला है।
पिछले वित्त वर्ष में सेल को भारतीय रेल से करीब 800,000 टन पटरियों की आपूर्ति का ऑर्डर मिला था। भिलाई स्टील प्लांट, सेल की एकमात्र इकाई है जो पटरियों का उत्पादन करती है। मौजूदा वित्त वर्ष में रेलवे ने सेल के ऑर्डर में करीब 50 फीसदी का इजाफा किया है। सेल के कॉरपोरेट कार्यालय के कार्यकारी निदेशक (एम-कॉमर्शियल) आलोक सहाय ने कहा, 'भारतीय रेल ने भिलाई स्टील प्लांट को 11,45,000 टन पटरियों की आपूर्ति का ऑर्डर दिया है।' उन्होंने कहा कि आज की तारीख में यह रेल पटरियों का सबसे बड़ा ऑर्डर है।
यह ऑर्डर इस मायने में भी अहम है क्योंकि इस बात की चर्चा थी कि रेलवे सेल से इतर भी पटरियों के ऑर्डर देने की संभावना तलाश रहा है। भारतीय रेलवे सेल का सबसे अहम ग्राहक है और यह पटरियों की एकमात्र आपूर्तिकर्ता है। देश में निजी क्षेत्र की अग्रणी स्टील उत्पादक कंपनी जिंदल स्टील ऐंड पावर ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ संयंत्र में पटरी विनिर्माण संयंत्र का उन्नयन किया है और वह भारतीय रेल से बड़ा ऑर्डर हासिल करने की संभावना तलाश रही है। इधर, सेल भी चुनौतियों से निपटने की तैयारी की है और रेल की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद को लैस किया है। बीएसपी में 1,200 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक यूनिवर्सल रेल मिल की स्थापना की गई है, जिससे संयंत्र की पटरियों के उत्पादन की क्षमता बढ़कर 20 लाख टन सालाना हो जाएगी। यह दुनिया में एक ही स्थान पर सबसे बड़ा एकल उत्पादन संयंत्र बन सकता है। पिछले दो साल से भारतीय रेलवे 260 मीटर लंबी पटरियों की मांग कर रहा है। भिलाई स्टील प्लांट अपनी पुरानी इकाई में 65 मीटर की पटरियों का उत्पादन कर उसे वेल्डिंग कर इस मांग को पूरा कर रहा था।
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