एमईपी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स की नजर 10,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर है, जो इस साल के आखिर पर सामने आएंगे। इसके पास 17 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में से छह परियोजनाएं हैं और फंडों के लिए इसने गठजोड़ कर लिया है। कंपनी के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जयंत डी महिस्कर ने कहा, सरकार की तरफ से हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर राजमार्ग के अनुबंध के लिए बोली की शुरुआत किए जाने के बाद कंपनी ने छह परियोजनाएं हासिल की है। महाराष्ट्र और गुजरात के राजमार्ग अनुबंध वित्त वर्ष 2019 की तीसरी व चौथी तिमाही में वाणिज्यिक तौर पर परिचालन में आएंगे। हाइब्रिड एन्युटी वाली परियोजनाएं वैसी परियोजनाएं होती हैं जहां केंद्र सरकार परियोजना की कुल लागत का 40 फीसदी देती है। कंपनी को आखिरी बार गुजरात में महुवा-कागवाडर सेक्शन में परियोजना मिली थी। परियोजना की लागत 606.68 करोड़ रुपये है। इस परियोजना की फंडिंग आईडीबीआई बैंक व आीआईएफसीएल करेगा। महिस्कर ने कहा, हम 10,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का आकलन कर रहे हैं, जो अगले 6-7 महीने में सामने आएगी। इनमें राज्य व केंद्र दोनों की परियोजनाएं होंगी। राजमार्ग परियोजना के लिए एमईपी इन्फ्रा को किसी तरह की वित्तीय समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है।
