अधिकारियों ने राजमार्गों पर स्थित शराब के ठेकों पर पाबंदी के उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने में पूरा जोर लगा दिया जिससे हजारों ठेके, क्लब और पब बंद हो गए जबकि राज्य अपने राजस्व नुकसान के आकलन में जुटे हैं। दिल्ली से गुजरने वाले 6 राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित 100 से अधिक शराब के ठेकों, रेस्तरां और होटल बारों ने शराब परोसना बंद कर दिया है। इनमें से कुछ बार पांच सितारा होटलों में भी मौजूद थे। राज्य आबकारी विभाग और कार्रवाई की योजना बना रहा है लेकिन उसके पास लाइसेंस धारकों के ज्ञापन आए हैं जिन्होंने उनकी दुकान शीर्ष अदालत द्वारा तय 500 मीटर के दायरे के अंतर्गत नहीं आने का दावा किया। अधिकारियों ने कहा कि पास के नोएडा में 42 जबकि गुरुग्राम में कुल 292 में से 106 बार बंद हो गए। इंडियन होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन के प्रमुख आदर्श शेट्टी ने कहा कि महाराष्ट्र में राजमार्ग पर शराबबंदी से कम से कम एक हजार स्टार होटल प्रभावित हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि इनमें शहर के घरेलू हवाई अड्डे का वाईआईपी लाउंज भी शामिल है। महाराष्ट्र सरकार को इस पाबंदी से हर साल सात हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। राज्य के आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बवानकुले ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के वैकल्पिक रास्ते खोजे जाएंगे। तिरुवनंतपुरम के त्रिवेंद्रम क्लब, त्रिवेंद्रम टेनिस क्लब और श्री मुलाम क्लब में आने वाले लोगों को शराब नहीं परोसी जाएगी। सबसे ज्यादा शराब की खपत वाले राज्यों में शामिल केरल में कुल 1956 बार और ठेके प्रभावित हुए। केरल में राजस्व नुकसान होने और पर्यटन उद्योग प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि राज्य के आबकारी मंत्री जी सुधाकरन ने स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन किया जाएगा। चेन्नई में शराब परोसने वाले सितारा श्रेणी के 35 से अधिक होटल तथा तमिलनाडु में ऐसे करीब 250 होटल प्रभावित हुए।
