मंदी के माहौल ने प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की नई चाल
शिवानी शिंदे / मुंबई January 18, 2009
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) मौजूदा मंदी को देखते हुए अनुभवी लोगों की नियुक्ति रोकने जा रही है।
वैसे उम्मीद जतायी जा रही है कि अगले महीने कंपनी अपनी नियुक्ति नीति की घोषणा करेगी। सूत्रों के मुताबिक, खर्च में कटौती के इरादे से कंपनी ने यह कदम उठाया है।
कंपनी प्रबंधन ने हालांकि आश्वस्त किया कि वह मंदी के बावजूद वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान 24,800 लोगों की नियुक्ति करेगी।
क्योंकि कंपनी पहले ही लोगों को नौकरी का ऑफर दे चुकी है। बहरहाल कंपनी ने यह भी कहा है कि वह अगले वित्त वर्ष में कर्मचारियों की तनख्वाह में महज दो की बजाय एक अंक (फीसदी में) की बढ़ोतरी करेगी।
कंपनी के एचआर मामलों के वैश्विक उपाध्यक्ष अजॉय मुखर्जी ने बताया, 'हमलोगों ने प्रशिक्षित लोगों की नियुक्ति लगभग बंद कर दी है। खर्च प्रबंधन के लिहाज से जाहिर है हमारा ध्यान प्रशिक्षुओं पर है। क्योंकि इससे बजट संतुलित रहता है।'
मुखर्जी ने बताया कि इस साल कर्मचारियों की तनख्वाह में औसतन 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है। लेकिन अगले साल तय है कि यह वृद्धि दर इकहरी या शून्य फीसदी ही होगी। मुखर्जी के मुताबिक, रोज नई-नई चीजें सामने आ रही है, ऐसे में कर्मचारियों को इसके लिए तैयार रहना होगा।
उल्लेखनीय है कि दूसरी आईटी कंपनियों के उलट टीसीएस बड़े पैमाने पर वरिष्ठ लोगों की नियुक्ति करती रही है। पिछली तिमाही में कंपनी ने बताया था कि वह प्रशिक्षित और प्रशिक्षु कर्मचारियों की नियुक्ति 60 और 40 के अनुपात में करेगी।
मुखर्जी के मुताबिक, प्रशिक्षुओं की नियुक्ति से कंपनी का बजट संतुलित रखने में मदद मिलेगी। इससे कंपनी का प्रति कर्मचारी खर्च कम करने में मदद मिलेगी।
वैसे, साल 2010 के लिए कंपनी पहले ही 24,800 लोगों की नियुक्ति कर चुकी है। 2009 की बात करें तो 30 से 35 हजार लोगों की नियुक्ति के लक्ष्य के विरुद्ध कंपनी ने 30,430 लोगों की नियुक्ति कर ली है।
मुखर्जी ने बताया कि प्रशिक्षुओं का कैंपस प्लेसमेंट साल भर पहले ही किया जा चुका है। हमलोगों को नहीं लगता कि हालात और बदतर होंगे लिहाजा हो चुकी नियुक्तिओं को रद्द करने की कोई योजना नहीं है।
एक जानकार ने बताया, 'मौजूदा कारोबारी स्थितियों के चलते कंपनी को यह कदम उठाना पड़ा है। लेकिन इस वजह से कंपनी को अपनी लागत कम करने में मदद मिलेगी। शोध और विकास गतिविधियों में सक्रियता के चलते टीसीएस दूसरी कंपनियों की तुलना में प्रशिक्षित लोगों की ज्यादा नियुक्तियां करती रही है।'
लागत-प्रबंधन के लिहाज से कंपनी का फोकस बुनियादी चीजों पर है। मुखर्जी के अनुसार, 'ऐसा नहीं कि प्रशिक्षित लोगों की नियुक्ति बिल्कुल ही नहीं होगी। लेकिन यह कारोबारी जरूरतों पर निर्भर करेगी। इसके अलावा, कर्मचारियों का स्थानांतरण ऑन साइट से ऑफशोर की ओर किया जाएगा।'
मालूम हो कि कंपनी में कुल 20 फीसदी लोग ऑनसाइट होते हैं। अब तक 1 फीसदी लोग ऑनसाइट से ऑफशोर की ओर जा चुके हैं।
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