आरकैप: प्रमुख व्यवसाय पर ध्यान देने से मूल्यांकन अंतर होगा दूर | हंसिनी कार्तिक / March 26, 2017 | | | | |
इस साल अब तक 37 प्रतिशत की बढ़त के साथ रिलायंस कैपिटल का शेयर 2017 की शुरुआत से ही बीएसई 200 कंपनियों की श्रेणी में सबसे ज्यादा चढऩे वाले शेयरों में शामिल है। कंपनी का शेयर भाव पिछले 12 महीनों में लगभग दोगुना हो चुका है जिससे निवेशकों का ध्यान इसकी ओर तेजी से बढ़ा है। लेकिन इसका बाजार पूंजीकरण 15,347 करोड़ रुपये पर अनिश्चित बना हुआ है। यह स्थिति दो बड़ी हिस्सेदारी बिक्री के बावजूद है जिसमें जीवन बीमा व्यवसाय का मूल्यांकन 10,000 करोड़ रुपये पर और ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) का 8,500 करोड़ रुपये पर। रिलायंस कैपिटल की इन दो व्यवसायों में 51-51 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि रिलायंस पावर के आईपीओ की यादें समूह के शेयरों पर दबाव बनाए हुए हैं। हैटोंग सिक्योरिटीज में शोध प्रमुख (भारत) संतोष सिंह जैसे अन्य विश्लेषकों का कहना है कि यह अनुमान की तुलना में कुछ ज्यादा ही है। सिंह कहते हैं, 'यह अधिक महत्त्वूपर्ण है कि रिलायंस कैपिटल का व्यवसाय बुनियादी मानकों पर किस तरह से प्रदर्शन करता है।' विश्लेषकों का कहना है कि गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों से पूंजी मुक्त करना प्रमुख व्यवसायों की क्षमता का लाभ उठाने की दिशा में बेहद महत्त्वपूर्ण होंगी। सिंह कहते हैं, ' गैर-प्रमुख निवेश एक बड़ी समस्या है। यदि वे इन्हें बेचने में सक्षम रहते हैं तो बैलेंस शीट बेहतर
हो जाएगी।'
हालांकि रिलायंस कैपिटल का प्रबंधन आश्वस्त है और उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2018 में गैर-प्रमुख निवेश में बड़ी कमी आएगी। उन्होंने मीडिया एवं मनोरंजन व्यवसायों में अपनी दिलचस्पी के अलावा यात्रा डॉटकॉम, सुला विनयाड्ïर्स, ग्रोवर विनयाड्ïर्स और महिंद्रा फस्र्ट च्वाइस में हिस्सेदारी को शामिल किया है। गैर-प्रमुख गतिविधियों से छुटकारा पाने से प्रमुख व्यवसायों के लिए पूंजी आवंटन मजबूत होगा, जैसा कि विश्लेषकों की बैठक में चर्चा की गई थी, जिसमें समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनके बेटे अनमोल अंबानी ने कंपनी की योजनाएं पेश की थीं। इन प्रमुख व्यवसायों में शामिल हैं बीमा (जनरल, हेल्थ और लाइफ), आवास वित्त, वाणिज्यिक वित्त और एएमसी, जिनमें परिदृश्य में सुधार दिखना शुरू हो गया है।
उदाहरण के लिए, एएमसी व्यवसाय ने वित्त वर्ष 2016 में 506 करोड़ रुपये का शुद्घ लाभ हासिल किया और यह भारत में बेहद मुनाफे वाले परिसंपत्ति प्रबंधन व्यवसायों में शामिल है। इसी तरह, चालू वित्त वर्ष में मुनाफे में आई रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने तीन साल पहले की तुलना में अपनी ऑनलाइन उपस्थिति में शानदार सुधार दर्ज किया है और अपनी बैंकिंग चैनल भागीदारियों को भी मजबूत बनाया है। जहां तक 11 वर्ष पुराने जीवन बीमा व्यवसाय का सवाल है तो इसकी वैल्यू एक साल पहले के 56 फीसदी की तुलना में 61 फीसदी पर्सिस्टेंसी रेशियो (ढृढ़ता अनुपात) के साथ मौजूदा समय में 3,074 करोड़ रुपये पर है। फिलहाल विश्लेषकों ने रिलायंस कैपिटल के बीमा व्यवसाय की वैल्यू के लिए 1.7 गुना का मूल्यांकन सुनिश्चित किया है जबकि बड़े प्रतिस्पर्धियों के लिए यह 2.5 गुना से अधिक है।
आवास वित्त सेगमेंट में, चूंकि किफायती आवासों के लिए ऋण में भारी तेजी आई है और इस सेगमेंट के व्यवसाय का ऋण वितरण वित्त वर्ष 2017 के पहले 9 महीनों में सालाना आधार पर 61 फीसदी बढ़कर 4,376 करोड़ रुपये रहा। विश्लेषकों का कहना है कि सकल गैर-निष्पादित आस्तियों के 1 प्रतिशत से कम के साथ व्यवसाय की परिसंपत्ति गुणवत्ता भी मजबूत दिख रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य के अलावा छोटे एवं मझोले उद्यमों और अन्य ऋणों पर केंद्रित वाणिज्यिक उधारी व्यवसाय का 6 प्रतिशत का शुद्घ ब्याज मार्जिन है जो विश्लेषकों के नजरिये से शानदार है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने हाल में रिलायंस कैपिटल के शेयर पर अपनी रेटिंग को 'बनाए रखें' से बढ़ाकर 'खरीदें' कर दिया है क्योंकि उनका मानना है कि उधारी, एएमसी और सामान्य बीमा व्यवसाय वित्त वर्ष 2018 में 13.7-18 फीसदी की मजबूत दर से बढ़ेंगे।
एडलवाइस के विश्लेषकों ने इस शेयर के लिए अपना कीमत लक्ष्य 661 रुपये से बढ़ाकर 754 रुपये कर दिया है। इन विश्लेषकों का कहना है कि आय में संभावित सुधार से मौजूदा भाव और प्रमुख व्यवसायों की उचित वैल्यू के बीच डिस्काउंट कम होगा। वहीं कंपनी को सामान्य बीमा व्यवसाय में हिस्सेदारी बिक्री और होम फाइनैंस व्यवसाय की सूचीबद्घता से मदद मिलेगी। फिलहाल यह शेयर वित्त वर्ष 2018 की पी/बी के 0.8 गुना पर कारोबार कर रहा है और कम महंगी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों में शुमार है।
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