भविष्य में लोगों के लिए स्थायी खाता संख्या यानी पैन को खत्म किया जा सकता है लेकिन कंपनियों के लिए यह व्यवस्था बरकरार रह सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि इसकी पूरी संभावना है कि भविष्य में आधार कार्ड ही लोगों का एकमात्र पहचान पत्र होगा। अलबत्ता आय कर विभाग के पास पैन को खत्म करने के लिए फिलहाल कोई समयसीमा नहीं है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'यह एक व्यापक विचार है लेकिन तत्काल ऐसा नहीं होने जा रहा है। इसमें समय लगेगा।' उन्होंने कहा कि ऐसा तभी होगा जब उपभोक्ता को जानने के लिए आधार एकमात्र दस्तावेज बन जाएगा।
संसद द्वारा मंजूर वित्त विधेयक में 1 जुलाई से आय कर रिटर्न भरने और पैन के लिए आवेदन करने के वास्ते आधार कार्ड को अनिवार्य बना दिया गया है। लोकसभा में वित्त विधेयक पर गुरुवार को हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आधार एकमात्र पहचान पत्र बन सकता है और भविष्य में पैन तथा मतदाता पहचान पत्र की जगह ले सकता है।
माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम ने यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि पैन सहित सभी तरह के उद्देश्यों के लिए आधार का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता। इस पर जेटली ने कहा, 'एक दौर ऐसा आ सकता है जब आधार ही एकमात्र पहचान पत्र बन जाएगा। कई देशों में ऐसी व्यवस्था है। अमेरिका में सामाजिक सुरक्षा संख्या है और भारत में आधार इसके समकक्ष हो सकता है।'
आय कर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को अनिवार्य बनाए जाने से कुछ करदाताओं द्वारा अपनी पहचान छिपाने के लिए डुप्लिकेट पैन बनाने के मामलों पर रोक लगेगी। देश के 98 फीसदी वयस्कों के पास आधार कार्ड है या फिर उन्होंने इसके लिए आवेदन किया है। सरकार कर चोरी रोकने के लिए आधार का इस्तेमाल करना चाहती है क्योंकि कर चोरी के लिए 5-5 पैन कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं।
बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने उच्चतम न्यायालय के पिछले साल के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आधार अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि क्या सरकार जबरदस्ती इसे लोगों पर थोप रही है। इस पर जेटली ने कहा, 'हां हम ऐसा कर रहे हैं। अगर 1.08 अरब लोग किसी तकनीक से जुड़े हैं और कर देने वाले सभी लोग इसमें शामिल हैं और वे आय कर रिटर्न के साथ इसे देते हैं तो धोखाधड़ी और कर चोरी की संभावना बहुत कम हो जाएगी।' वित्त मंत्री ने कहा कि आधार में व्यक्ति की बायोमेट्रिक जानकारी होती है, इसलिए इसके दुरुपयोग की संभावना न्यूनतम है। उन्होंने कहा, 'जब देश के पास तकनीक है और उसका इस्तेमाल हो रहा है तो फिर इस पर हंगामा क्यों? यह कदम कर चोरी रोकने के लिए उठाया जा रहा है जिससे देश का फायदा होगा। इसलिए सरकार की नजर में इसे लागू करना सही है।'
जेटली ने कहा कि विशिष्टï पहचान पत्र प्राधिकरण का विचार पिछली संप्रग सरकार का था और राजग सरकार इसका इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, 'हमने यह प्रावधान किया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार नहीं है तो वह कह सकता है कि उसने इसके लिए आवेदन किया है। हम लोगों को यह कहने की इजाजत नहीं दे सकते कि मैं आधार नहीं बनाऊंगा लेकिन कई पैन कार्डों के जरिये कर चोरी करता रहूंगा।'
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