कोयले का आयात घटाने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने संबंधी भारत के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य से कोयला आयात करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को झटका लग सकता है और इसके कुछ शुरुआती संकेत पहले ही दिखने लगे हैं। विश्लेषकों ने भी 2020 के लिए कंपनी के खनन एवं व्यापारिक लक्ष्य को लेकर संदेह जताया है।
अदाणी समूह की दृष्टिï 2020 के अनुसार, कंपनी साल 2020 तक 20 करोड़ टन के खनन एवं व्यापारिक लक्ष्य तक पहुंच जाएगी। कंपनी ने यह लक्ष्य उस समय निर्धारित किया था जब भारत ने कोयला आयात में कटौती करने की मंशा नहीं जताई थी और कोल इंडिया ने अपनी दक्षता नहीं बढ़ाई थी। लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और कोल इंडिया के उत्पादन में जबदस्त सुधार हुआ है। इससे देश में कोयले का आयात भी घट रहा है। वित्त वर्ष 2016-17 (अप्रैल से मार्च) के दौरान भारत का कोयला आयात करीब 16.01 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 20 फीसदी कम है।
कंपनी की प्रस्तुतियों और वार्षिक रिपोर्ट से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान कंपनी के कोयला व्यापार का आकार 7.8 करोड़ टन रहा। कंपनी के प्रबंधन ने चालू वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 8 करोड़ टन रहने की उम्मीद जताई है।
कुछ विश्लेषकों को इस आंकड़े में तत्काल कोई उल्लेखनी वृद्धि नजर नहींं आ रही है। पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक घरेलू ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक ने कहा, 'अगले एक से दो साल के दौरान बिक्री कमजोर रहेगी क्योंकि भारत में तमाम लोग घरेलू कोयले का इस्तेमाल कर रहे हैं जो फिलहाल सस्ता दिख रहा है। निकट भविष्य में इसमेंं कोई खास सुधार होता नहीं दिख रहा है।'
अदाणी कोयला व्यापार मेंं अपने कुछ ग्राहकों को अतिरिक्त सेवाएं मुहैया करा रही है जो पहले नहीं कराई जाती थीं। कंपनी का कहना है कि इससे उसे अपनी बाजार हिस्सेदारी को बरकरार रखने में मदद मिली है। अदाणी एंटरप्राइजेज के कार्यकारी निदेशक अमित देसाई ने दिसंबर तिमाही के वित्तीय नतीजों पर विश्लेषकों से बातचीत करते हुए कहा, 'करीब 12 महीने पहले परिदृश्य कहीं अधिक नकारात्मक औश्र उस समय की परिस्थितयों से तुलना करने पर मैं समझता हूं कि विभिन्न जिंस कीमतों में तेजी आई है जिससे मांग स्थिर हो गया है। हमारा मानना है कि मामूली वृद्धि के साथ हमारे परिचालन का कम से कम वर्तमान स्तर बरकरार रहेगा।'
कंपनी पर करीबी नजर रखने वाले कुछ अन्य लोगों का कहना है कि कोयला व्यापार के समेकित आंकड़ों में गिरावट पहले ही दिखने लगी है। कंपनी पर करीबी नजर रखने वाले एक अन्य विश्लेषक ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'वित्त वर्ष 2016 के समेकित आंकड़ों में गिरावट दिखी थी और चालू वित्त वर्ष में भी यही प्रवृत्ति रहने वाली है जिसकी मुख्य वजह भारत के कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी है।'
अदाणी एंटरप्राइजेज ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
अधिकतर विश्लेषकों ने इस मुद्दे पर सहमति जताई कि कंपनी के लिए 20 करोड़ टन के लक्ष्य तक पहुंचना आसान नहीं होगा। ऑस्ट्रेलिया में अदाणी की कारमाइकल कोयला परियोजना के पहले चरण के तहत वित्त वर्ष 2020-21 में उत्पादन सालाना 2.5 करोड़ टन होगा।
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