आईटी उद्योग के संगठन नैसकॉम ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र को अमेरिकी नीति निर्माताओं को सॉफ्टवेयर सेवा बाजार में भारत-अमेरिका के व्यापारिक संबंधों के आपसी लाभ के बारे में जानकारी देनी चाहिए। नैसकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ मामलों में लाभ और वीजा कार्यक्रमों के वास्तविक कामकाज के बारे में समझ नहीं बन पाती।'
नैसकॉम का एक प्रतिनिधिमंडल 27 फरवरी से 2 मार्च तक वॉशिंगटन डीसी में था। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने कार्य वीजा और दोनों देशों के बीच कुशल श्रमबल की आवाजाही पर कांग्रेस और ट्रंप प्रसासन के प्रमुख नीति निर्माताओं के साथ विचार विमर्श किया। साथ ही अमेरिकी उद्योग को भी इस बारे में जानकारी दी।
चंद्रशेखर ने कहा, 'हालिया बैठकों से स्पष्ट है कि आईटी क्षेत्र ने अमेरिकी नीति निर्माताओं को भारत अमेरिका के आईटी सेवाओं में व्यापार पर आपसी लाभ के बारे में जागरूक करने के लिए अधिक काम करना होगा। कुछेक मामलों इन लाभों तथा वीजा कार्यक्रमों के कामकाज को लेकर समझ नहीं बन पाती।' पिछले सप्ताह अमेरिका ने अस्थायी रूप से एच-1 बी वीजा की प्रीमियम प्रोसेसिंग को स्थगित कर दिया है। इससे उन भारतीय आईटी कंपनियों को परेशानी होगी, जो अपने कर्मचारियों को आवश्यक परियोजनाओं के लिए वहां भेजना चाहती हैं। प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस के प्रभावी सदस्य डेरेल ईशा और जो लॉफग्रेन से मुलाकात की, जो इस बारे में प्रस्ताव लेकर आए हैं। साथ ही इनकी मुलाकात व्हाइट हाउस के अधिकारियों आदि से भी हुई।
चंद्रशेखर ने कहा, दोनों देशोंं की सरकारों और कारोबारी दिग्गजों के साथ आईटी क्षेत्र को आगे भी बातचीत की उमम्मीद है, जो उच्च कुशल वीजा मामले पर आपसी समझ बनाएंगे और इसके चलते रचनात्मक सुधार होगा।
एच-1 बी वीजा गैर-आव्रजन वीजा है जिसे अमेरिकी सरकार उच्च कुशल पेशेवरों की अमेरिका में कमी पूरी करने के लिए जारी करती है। एच-1 बी वीजा के लाभार्थियों में ज्यादातर भारतीय नागरिक हैं, जिन्हें आईटी सेवा फर्म व वैश्विक दिग्गज कंपनियां मसलन गूगल, फेसबुक, आईबीएम और एक्सेंचर अमेरिका में अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए भेजते हैं।
वीजा पर उच्च कुशल वाले कर्मचारियों तक पहुंच के अभाव में अमेरिका में कई कंपनियां अपना कामकाज बाहर भेजने के लिए बाध्य होंगी या नवोन्मेष में देरी करेंगी। दोनों ही तरह से अमेरिका में कुल रोजगार में कमी आएगी। नैसकॉम का मानना है कि एच1 बी वीजा या एल-1 वीजा पर अतिरिकक्त पाबंदी से अमेरिकी कारोबारों को झटका लगेगा। चंद्रशेखर ने कहा, जिम्मेदार कॉरपोरेट सिटिजन होने के नाते हमारे सदस्य सभी कानून व नियम का पालन करते हैं और अमेरिका में 1 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया हुआ है।
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